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Emeritus Fellowship Yojana | एमेरिटस फैलोशिप योजना: वरिष्ठ शिक्षकों के लिए शोध का सुनहरा अवसर!

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Emeritus Fellowship Yojana: एमेरिटस फैलोशिप योजना के तहत वरिष्ठ शिक्षकों को शोध के लिए आर्थिक सहायता। पात्रता और आवेदन प्रक्रिया जानें।

यूजीसी (University Grants Commission) द्वारा संचालित एमेरिटस फेलोशिप योजना एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। यह सेवानिवृत्त प्रोफेसरों को अनुसंधान में मदद करता है।

यह योजना विज्ञान और मानविकी के क्षेत्र में 200 फेलोशिप प्रदान करती है। चुने गए उम्मीदवारों को हर महीने 20,000 रुपये मिलते हैं। उन्हें साल में 50,000 रुपये की वार्षिक आकस्मिक निधि भी मिलती है।

यह योजना यूजीसी एमेरिटस फेलोशिप, सेवानिवृत्त प्रोफेसर अनुसंधान और उच्च शिक्षा अनुदान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

एमेरिटस फेलोशिप योजना का परिचय

एमेरिटस फेलोशिप योजना भारत सरकार ने शुरू की है। इसका उद्देश्य यूजीसी शोध अनुदान, वरिष्ठ वैज्ञानिक योजना और अकादमिक अनुसंधान समर्थन देना है। यह उच्च शिक्षा संस्थानों में अनुसंधान को बढ़ावा देता है।

यह योजना अनुभवी शिक्षकों के लिए है। वे जिन्होंने शोध और प्रकाशन में उत्कृष्टता दिखाई है। यह उनके योगदान को मान्यता देता है।

आवेदकों की आयु 70 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। उन्हें सेवानिवृत्ति के 5 वर्ष के भीतर आवेदन करना होगा। यह उन्हें अपने अनुभव को संस्थानों में देने का मौका देता है।

एमेरिटस फेलोशिप योजना भारत में उच्च शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा देती है। यह वरिष्ठ शिक्षकों को सम्मानित करती है। उनके अनुभव का लाभ उठाने में मदद करती है।

योजना के मुख्य उद्देश्य और लक्ष्य

एमेरिटस फेलोशिप योजना का मुख्य उद्देश्य उच्च शिक्षा अनुसंधान को बढ़ावा देना है। यह योजना अनुभवी शोधकर्ताओं को उनके क्षेत्र में शोध जारी रखने का मौका देती है। इससे वैज्ञानिक नवाचार और अकादमिक विकास को बढ़ावा मिलता है।

शैक्षणिक अनुसंधान को बढ़ावा

एमेरिटस फेलोशिप सेवानिवृत्त विद्वानों को शोध जारी रखने का मौका देती है। यह ज्ञान का हस्तांतरण और शैक्षणिक मेंटरशिप को सुनिश्चित करती है। वरिष्ठ शोधकर्ता अपने अनुभव को युवा पीढ़ी के साथ साझा कर सकते हैं।

वरिष्ठ शिक्षाविदों का योगदान

एमेरिटस फेलोशिप वरिष्ठ शिक्षाविदों के अंतर-पीढ़ी ज्ञान साझाकरण को आसान बनाती है। यह योजना उन्हें युवा शोधकर्ताओं को मार्गदर्शन देने और अपने क्षेत्र में योगदान देने का मौका देती है। इससे शैक्षणिक उत्तराधिकार मजबूत होता है।

ज्ञान का हस्तांतरण

एमेरिटस फेलोशिप अनुसंधान निरंतरता को बढ़ावा देती है। यह सेवानिवृत्त विद्वानों को अपने अनुभव को युवा शोधकर्ताओं के साथ साझा करने का मौका देती है। इससे अमूल्य ज्ञान का हस्तांतरण होता है और भविष्य की पीढ़ियों को लाभ मिलता है।

पात्रता मानदंड और योग्यता

एमेरिटस फेलोशिप योजना में भाग लेने के लिए, आवेदकों को कुछ नियमों का पालन करना होगा। सबसे पहले, उन्हें विश्वविद्यालय से सेवानिवृत्त होना चाहिए। उनकी आयु 70 वर्ष से कम होनी चाहिए। और उन्हें सेवानिवृत्ति के 5 वर्षों के भीतर आवेदन करना होगा।

आवेदकों के पास उत्कृष्ट शोध रिकॉर्ड होना चाहिए। उन्हें पिछले 3 वर्षों में कम से कम 3 पीयर-रिव्यूड शोध पत्र (इम्पैक्ट फैक्टर >2.0) या एक पेटेंट होना चाहिए।

“वरिष्ठ शिक्षाविदों का योगदान एमेरिटस फेलोशिप योजना का मुख्य उद्देश्य है, ताकि उनका ज्ञान और अनुभव अन्य शिक्षकों और शोधकर्ताओं के लिए उपलब्ध हो सके।”

इन मानदंडों को पूरा करने वाले ही चुने जाएंगे। यह सुनिश्चित करता है कि केवल उच्च कोटि के शिक्षाविद और शोधकर्ता ही इस पहल का हिस्सा बनें।

Emeritus Fellowship Yojana के लाभ और सुविधाएं

एमेरिटस फेलोशिप योजना अकादमिक अनुसंधान को बढ़ावा देती है। यह वरिष्ठ शिक्षाविदों के योगदान को भी पुरस्कृत करती है। इस योजना के तहत, चुने हुए लोगों को कई फायदे मिलते हैं।

मासिक फेलोशिप राशि

चुने हुए लोगों को हर महीने 31,000 रुपये मिलते हैं। यह वित्तीय सहायता 3 वर्षों तक दी जाती है। यह अकादमिक अनुदान प्राप्त करने में मदद करती है।

अनुसंधान अनुदान

फेलोशिप के तहत 1,00,000 रुपये का वार्षिक अनुदान मिलता है। इस राशि से शोध खर्च और प्रयोगशाला सुविधाएं की खरीद की जा सकती है।

अतिरिक्त सुविधाएं

इस योजना में एक प्रोजेक्ट असिस्टेंट की भी मदद मिलती है। यह तकनीकी सहायता देता है। इससे अनुसंधान सहयोग बढ़ता है।

एमेरिटस फेलोशिप योजना अकादमिक अनुसंधान को बढ़ावा देती है। यह वरिष्ठ शिक्षाविदों के योगदान को भी पुरस्कृत करती है।

आवेदन प्रक्रिया और आवश्यक दस्तावेज

एमेरिटस फेलोशिप योजना के लिए आवेदन यूजीसी की आधिकारिक वेबसाइट पर ऑनलाइन किया जाता है। उम्मीदवारों को वेबसाइट से फॉर्म करना होगा। फिर उन्हें आवश्यक दस्तावेजों के साथ भरना होगा।

आवश्यक दस्तावेजों में निम्नलिखित शामिल हैं:

  • आवेदक का फोटो
  • केरल में स्थायी निवास का प्रमाण
  • पीएचडी प्रमाणपत्र
  • पिछले 3 वर्षों के शोध प्रकाशन
  • बायोडाटा
  • सेवानिवृत्ति का प्रमाण

उम्मीदवारों को यूजीसी ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से अपना शोध प्रस्ताव सबमिशन करना चाहिए। उन्हें सभी आवश्यक दस्तावेज जमा करने होंगे। समय पर आवेदन करना बहुत महत्वपूर्ण है।

चयन प्रक्रिया और मूल्यांकन मानदंड

एमेरिटस फेलोशिप योजना के लिए चयन बहुत सावधानी से किया जाता है। इसमें कई महत्वपूर्ण चरण होते हैं। जैसे कि पात्रता जांच, दस्तावेज सत्यापन और आवेदन की छानबीन।

इन सभी चरणों का उद्देश्य यह है कि केवल योग्य और उच्च कोटि के शिक्षाविद चुने जाएं।

प्रारंभिक स्क्रीनिंग

आवेदन की शुरुआत में आवेदकों की पात्रता और दस्तावेजों का सत्यापन किया जाता है। यह देखा जाता है कि वे योजना के मानदंडों को पूरा करते हैं या नहीं।

योग्य उम्मीदवारों को ही आगे बढ़ने की अनुमति दी जाती है।

विषय विशेषज्ञ समिति मूल्यांकन

पहले चरण में पास होने वाले आवेदनों का पीयर रिव्यू विशेषज्ञों द्वारा किया जाता है। वे आवेदकों के शोध प्रस्ताव, अनुभव और योगदान का मूल्यांकन करते हैं।

10 अंकों के पैमाने पर 5 से अधिक ग्रेड वाले प्रस्तावों को कार्यक्रम सलाहकार समिति के समक्ष प्रस्तुति के लिए आमंत्रित किया जाता है।

“एमेरिटस फेलोशिप योजना का मूल उद्देश्य वरिष्ठ शिक्षाविदों का शोध एवं अनुसंधान में योगदान सुनिश्चित करना है।”

इस प्रक्रिया से सरकार यह सुनिश्चित करती है कि केवल उच्च कोटि के शिक्षाविद चुने जाएं। ताकि शैक्षणिक अनुसंधान और अभिगम को बढ़ावा मिले।

अनुदान राशि का वितरण

एमेरिटस फेलोशिप योजना के तहत, अनुदान की राशि इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर के माध्यम से जारी की जाती है। पहला वर्ष का अनुदान स्वीकृति आदेश के बाद तुरंत दिया जाता है। बाद के वर्षों का अनुदान, वार्षिक समीक्षा और व्यय विवरण के आधार पर दिया जाता है।

फेलोशिप भुगतान के लिए, प्राप्त राशि का सही तरीके से उपयोग करना आवश्यक है। उपयोग किए गए आंकड़े और वार्षिक लेखा परीक्षा रिपोर्ट प्राधिकरण को भेजनी चाहिए। इससे वित्तीय पारदर्शिता और जवाबदेही बनती है।

क्रमांकवर्णनराशि
1पहला वर्ष का अनुदानतुरंत जारी
2अगले वर्षों का अनुदानवार्षिक प्रगति समीक्षा और व्यय विवरण के आधार पर

इस प्रकार, फेलोशिप भुगतान, अनुदान जारी करना और वित्तीय प्रबंधन पर ध्यान दिया जाता है। यह सुनिश्चित करता है कि एमेरिटस फेलोशिप योजना के लाभार्थियों को समय पर और स्पष्ट रूप से अनुदान मिले।

प्रगति रिपोर्ट और निगरानी

एमेरिटस वैज्ञानिकों को हर साल वार्षिक प्रगति रिपोर्ट देनी होती है। यह रिपोर्ट उनके शोध कार्य की प्रगति का विस्तार से वर्णन करती है। यह रिपोर्ट अगले वर्ष के लिए अनुदान भुगतान के लिए जरूरी होती है।

वार्षिक समीक्षा

पहले और दूसरे वर्ष के बाद समूह निगरानी कार्यशाला होती है। इसमें वैज्ञानिक अपने शोध प्रदर्शन और मध्यावधि समीक्षा देते हैं। समिति की सिफारिशों के आधार पर, अगले वर्ष का अनुदान भुगतान किया जाता है।

परियोजना मूल्यांकन

हर साल के अंत में, एमेरिटस वैज्ञानिकों को वार्षिक रिपोर्ट देनी होती है। यह रिपोर्ट उनके शोध कार्य की पूरी प्रगति का विस्तार से वर्णन करती है। इस रिपोर्ट के आधार पर, परियोजना का मूल्यांकन किया जाता है।

“एमेरिटस फेलोशिप कार्यक्रम ने मुझे अपने शोध कार्य को और अधिक गहराई से प्रस्तुत करने का अवसर प्रदान किया है।”

– डॉ. सुनील कुमार, एमेरिटस वैज्ञानिक

प्रकाशन और पेटेंट आवश्यकताएं

शोध प्रकाशन मानदंड और पेटेंट दाखिल करना बहुत महत्वपूर्ण हैं। तीसरे वर्ष का अनुदान मिलने के लिए, वैज्ञानिक को पहले दो वर्षों में कम से कम एक शोध पत्र प्रकाशित करना होगा। या उन्हें एक पेटेंट दाखिल करना होगा। यह उनके शोध की गुणवत्ता और प्रासंगिकता को सुनिश्चित करता है।

  1. शोध प्रकाशन: वैज्ञानिक को किसी प्रतिष्ठित जर्नल में कम से कम एक शोध पत्र प्रकाशित करना होगा। यह उनके शोध का एक महत्वपूर्ण उत्पाद होगा।
  2. पेटेंट दाखिल करना: वैज्ञानिक को अपने नवीन शोध परिणामों को संरक्षित करने के लिए एक पेटेंट दाखिल करना होगा। यह उनके शोध की मूल्यवान प्रगति का प्रतीक होगा।

इन आवश्यकताओं को पूरा करके, वैज्ञानिक तीसरे वर्ष के लिए अनुदान प्राप्त करेंगे। यह सुनिश्चित करता है कि उनका शोध कार्य सार्थक और उत्पादक है। और शिक्षा क्षेत्र में उनका योगदान मान्यता प्राप्त होता है।

प्रकाशन और पेटेंट आवश्यकताएंविवरण
शोध पत्र प्रकाशनकम से कम एक प्रतिष्ठित जर्नल में प्रकाशित
पेटेंट दाखिल करनानवीन शोध परिणामों को संरक्षित करने के लिए पेटेंट दाखिल करना

इन आवश्यकताओं को पूरा करके, वैज्ञानिक तीसरे वर्ष के लिए अनुदान प्राप्त करेंगे। यह सुनिश्चित करता है कि उनका शोध कार्य सार्थक और उत्पादक है। और शिक्षा क्षेत्र में उनका योगदान मान्यता प्राप्त होता है।

महत्वपूर्ण तिथियां और समय-सीमा

एमेरिटस फेलोशिप योजना में आवेदन करने की समय-सीमा बहुत महत्वपूर्ण है। आपको आवेदन समय सीमा के भीतर आवेदन करना होगा। परियोजना की परियोजना अवधि आमतौर पर 3 वर्ष होती है। लेकिन, इसे कम या ज्यादा भी किया जा सकता है।

आपको हर साल रिपोर्ट जमा करने की तारीखें के अनुसार प्रगति रिपोर्ट देनी होगी। परियोजना समाप्त होने पर, आपको एक अंतिम तकनीकी रिपोर्ट और व्यय विवरण भी देना होगा।

इन समय-सीमाओं का पालन करना बहुत जरूरी है। इससे आपकी परियोजना समय पर पूरी हो सकती है और अनुदान भी मिल सकता है।

FAQs

क्या एमेरिटस फेलोशिप योजना क्या है?

एमेरिटस फेलोशिप योजना यूजीसी द्वारा चलाई जाती है। यह सेवानिवृत्त प्रोफेसरों को अनुसंधान में मदद करती है। यह 200 फेलोशिप प्रदान करती है।

एमेरिटस फेलोशिप योजना के क्या उद्देश्य हैं?

इसका मुख्य उद्देश्य शैक्षणिक अनुसंधान को बढ़ावा देना है। यह वरिष्ठ शिक्षाविदों के अनुभव का उपयोग करता है। यह युवा शोधकर्ताओं को मार्गदर्शन करता है।

एमेरिटस फेलोशिप के लाभ क्या हैं?

चुने हुए उम्मीदवारों को प्रति माह 31,000 रुपये मिलते हैं। उन्हें 1,00,000 रुपये का वार्षिक अनुदान भी मिलता है। उन्हें तकनीकी सहायता भी मिलती है।

एमेरिटस फेलोशिप के लिए कौन आवेदन कर सकता है?

आवेदकों को विश्वविद्यालय से सेवानिवृत्त होना चाहिए। उनकी आयु 70 वर्ष से कम होनी चाहिए। उन्हें 5 वर्षों के भीतर आवेदन करना होगा।

आवेदन प्रक्रिया क्या है?

आवेदन ऑनलाइन है। उम्मीदवार यूजीसी की वेबसाइट से फॉर्म करें। आवश्यक दस्तावेजों में फोटो, प्रमाण पत्र, प्रकाशन, बायोडाटा और प्रमाण शामिल हैं।

चयन प्रक्रिया कैसे होती है?

पहले स्क्रीनिंग में आवेदकों की पात्रता जांची जाती है। फिर, पांच विशेषज्ञ पीयर रिव्यू करते हैं। 5 से अधिक ग्रेड वाले प्रस्तावों को सलाहकार समिति के सामने प्रस्तुत किया जाता है।

अनुदान राशि कैसे वितरित की जाती है?

अनुदान इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर के माध्यम से दिया जाता है। पहला वर्ष का अनुदान तुरंत दिया जाता है। बाद के वर्षों का अनुदान व्यय विवरण के आधार पर दिया जाता है।

प्रगति रिपोर्ट कैसे जमा की जाती है?

वैज्ञानिक प्रत्येक वर्ष वार्षिक प्रगति रिपोर्ट जमा करते हैं। पहले और दूसरे वर्ष में समूह निगरानी कार्यशालाएं होती हैं। इन समीक्षाओं के आधार पर अनुदान दिया जाता है।

प्रकाशन और पेटेंट की क्या आवश्यकताएं हैं?

तीसरे वर्ष के लिए, वैज्ञानिक को पहले दो वर्षों के शोध के आधार पर प्रकाशन या पेटेंट दाखिल करना होगा। यह उनके शोध की गुणवत्ता को सुनिश्चित करता है।

महत्वपूर्ण तिथियां और समय-सीमा क्या हैं?

फेलोशिप की अवधि 3 वर्ष है। वार्षिक रिपोर्ट प्रत्येक वर्ष के अंत में जमा करनी होती है। अंतिम रिपोर्ट और व्यय विवरण समाप्ति पर जमा किया जाता है।

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