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Haryana Hara Chara Bijai Yojana | हरियाणा हरा चारा बिजाई योजना: किसानों के लिए बड़ी राहत

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Haryana Hara Chara Bijai Yojana: हरियाणा हरा चारा बिजाई योजना के तहत किसानों को सब्सिडी पर हरा चारा उगाने के लिए प्रोत्साहन। आवेदन प्रक्रिया और लाभ जानें।

हरियाणा सरकार ने “हरियाणा हरा चारा बिजाई योजना” शुरू की है। यह योजना किसानों और पशुपालकों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

इस योजना के तहत, गौशालाओं के लिए हरा चारा उगाने वाले किसानों को प्रति एकड़ 10,000 रुपये मिलते हैं। अधिकतम सीमा 1 लाख रुपये है।

योजना का उद्देश्य राज्य में चारे की कमी को दूर करना है। यह आवारा पशुओं की समस्या का भी समाधान करेगी।

हरियाणा के किसान और पशुपालक इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। यह उनके पशुपालन और कृषि उत्पादकता को बढ़ावा देगी।

सरकार डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से आर्थिक सहायता देती है। इससे लाभार्थियों को सीधे फायदा होता है।

योजना का परिचय एवं उद्देश्य

हरियाणा हरा चारा बिजाई योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों और पशुपालकों को लाभान्वित करना है। यह योजना गौशालाओं के आस-पास चारा उत्पादन को बढ़ावा देती है। इससे गायों को पर्याप्त हरा चारा मिलेगा।

किसानों की आय बढ़ेगी और हरियाणा कृषि विकास और पशु आहार सुरक्षा में सुधार होगा। यह योजना राज्य में आवारा पशुओं की समस्या का भी समाधान करेगी।

किसानों के लिए महत्वपूर्ण पहल

हरियाणा हरा चारा बिजाई योजना किसानों के लिए कई महत्वपूर्ण पहल करती है:

  • किसानों को मुफ्त बीज और अन्य आवश्यक प्रविष्टियों की सहायता प्रदान करना
  • किसान कल्याण योजना के तहत आर्थिक सहायता देना
  • किसानों के लिए प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता उपलब्ध कराना
  • चारा उत्पादन में नवीनतम तकनीकों का प्रचार करना

गौशालाओं को सहायता

इस योजना के अंतर्गत, हरियाणा सरकार गौशालाओं को व्यापक सहायता प्रदान करती है। गौशालाओं को निःशुल्क बीज, उर्वरक, कृषि उपकरण और अन्य प्रोत्साहन सुविधाएं दी जाती हैं।

इससे गौशालाओं में चारा उत्पादन में वृद्धि होगी। वे अपने पशुओं के लिए पर्याप्त चारा उपलब्ध करा सकेंगी।

पशुपालन को बढ़ावा

इस योजना का एक अन्य महत्वपूर्ण उद्देश्य हरियाणा कृषि विकास और पशुपालन क्षेत्र को बढ़ावा देना है। गौशालाओं के आस-पास चारा उत्पादन बढ़ने से किसानों की आय में वृद्धि होगी।

“यह योजना किसानों की आय को बढ़ाने और पशुपालन को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।”

हरियाणा हरा चारा बिजाई योजना की मुख्य विशेषताएं

हरियाणा हरा चारा बिजाई योजना किसानों और पशुपालकों के लिए बहुत फायदेमंद है। इसमें प्रति एकड़ 10,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। यह सहायता डीबीटी के माध्यम से सीधे किसानों के खाते में हस्तांतरित की जाएगी

इस योजना का उद्देश्य गौशालाओं के आस-पास चारा उत्पादन को बढ़ावा देना है। इससे पशुपालन क्षेत्र में वृद्धि होगी। किसानों को चारा उत्पादन पर सब्सिडी भी मिलेगी।

हरियाणा हरा चारा बिजाई योजना किसानों और पशुपालकों के लिए बहुत उपयोगी है। यह उन्हें चारा उत्पादन बढ़ाने में मदद करती है। यह योजना वित्तीय सहायता के साथ-साथ पशुपालन को भी बढ़ावा देती है।

विशेषताएंप्रदान की जाने वाली सुविधाएं
प्रति एकड़ आर्थिक सहायता₹10,000 तक
अधिकतम सहायता राशि₹1,00,000
सहायता का माध्यमडीबीटी (प्रत्यक्ष लाभ अंतरण)
गौशालाओं के आस-पास चारा उत्पादन परसब्सिडी

कुल मिलाकर, हरियाणा हरा चारा बिजाई योजना किसान अनुदान योजना, चारा उत्पादन प्रोत्साहन और हरियाणा कृषि नीति के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है।

योजना के लाभार्थी कौन हैं

हरियाणा हरा चारा बिजाई योजना के लाभार्थी हरियाणा के मूल निवासी किसान और पशुपालक हैं। आवेदक को हरियाणा में रहना चाहिए और भूमि के दस्तावेज होने चाहिए। जो किसान गौशालाओं के आसपास चारा उगाते हैं, वे विशेष रूप से पात्र हैं।

पात्रता मानदंड

  • आवेदक को हरियाणा में रहना चाहिए।
  • भूमि के वैध दस्तावेज होने चाहिए।
  • गौशालाओं के आसपास चारा उगाने वाले किसान विशेष रूप से पात्र हैं।

आवेदक की योग्यता

आवेदक को परिवार पहचान पत्र और आधार कार्ड देने होंगे।

लाभार्थीपात्रता मानदंडआवश्यक दस्तावेज
हरियाणा के मूल निवासी किसान और पशुपालकहरियाणा में रहना भूमि के वैध दस्तावेज गौशालाओं के आसपास चारा उगाने वाले किसानपरिवार पहचान पत्र आधार कार्ड

इस योजना के लाभार्थी हरियाणा किसान पंजीकरण, पशुपालक सहायता योजना और कृषि अनुदान पात्रता रखते हैं। सरकार द्वारा दी जाने वाली आर्थिक सहायता किसानों के बैंक खातों में मिलेगी।

आर्थिक सहायता का विवरण

हरियाणा सरकार किसानों को प्रति एकड़ 10,000 रुपये देती है। यह सहायता 10 एकड़ तक के लिए है। इस तरह, किसान 1 लाख रुपये तक का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

यह पैसा डीबीटी के जरिए किसानों के बैंक खाते में आता है। यह मदद किसानों को चारा उत्पादन के खर्चों को पूरा करने में मदद करती है।

इस योजना का उद्देश्य किसानों और गौशालाओं को वित्तीय सहायता देना है। हरियाणा सरकार किसान सब्सिडी और चारा उत्पादन अनुदान देती है। साथ ही, हरियाणा कृषि वित्त की व्यवस्था भी की गई है।

लाभविवरण
किसान सब्सिडीकिसानों को प्रति एकड़ 10,000 रुपये तक की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
चारा उत्पादन अनुदानकिसानों को चारा उत्पादन में होने वाले खर्चों को पूरा करने में मदद मिलती है।
हरियाणा कृषि वित्तकिसानों को कृषि संबंधी वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।

इस योजना से किसानों की आय में सुधार होता है। यह उनकी कृषि गतिविधियों को बढ़ावा देती है। सहायता डीबीटी के माध्यम से किसानों के खातों में आती है।

“इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को चारा उत्पादन में होने वाले खर्चों को कम करना और उनकी आय में सुधार लाना है।”

गौशाला के आस-पास चारा उत्पादन

हरियाणा सरकार ने ‘हरियाणा हरा चारा बिजाई योजना’ शुरू की है। गौशालाओं के आस-पास चारा उत्पादन को प्राथमिकता दी जाती है। क्षेत्र चयन में गौशाला की निकटता, भूमि की उपयुक्तता और सिंचाई की सुविधा पर ध्यान दिया जाता है।

क्षेत्र चयन के मानदंड

  • गौशाला से निकटता: चारा उत्पादन क्षेत्र को गौशाला से कम से कम 1 किमी की दूरी पर होना चाहिए।
  • भूमि की उपयुक्तता: चारा उत्पादन के लिए उपयुक्त मिट्टी और जल निकासी की व्यवस्था होनी चाहिए।
  • सिंचाई सुविधाएं: चारा फसलों के लिए पर्याप्त सिंचाई सुविधाएं उपलब्ध होनी चाहिए।

उपयुक्त चारा प्रजातियां

उपयुक्त चारा प्रजातियों में बरसीम, ज्वार, मक्का और लूसर्न शामिल हैं। किसानों को इन फसलों की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। ये फसलें गायों के लिए पौष्टिक आहार प्रदान करती हैं।

चारा प्रजातिविशेषताएं
बरसीमपौष्टिक, तेजी से वृद्धि करने वाली, सर्दियों में उपयुक्त
ज्वारतेजी से वृद्धि करने वाला, गर्मियों में उपयुक्त
मक्कापोषक तत्वों से भरपूर, वर्षा और सिंचाई से लाभान्वित होता है
लूसर्नउच्च पोषक मूल्य, लंबे समय तक उत्पादन देता है

इन चारा फसलों को बढ़ावा देने से न केवल गौशालाओं को लाभ होगा। पशु आहार उत्पादन और हरियाणा की कृषि तकनीक में भी सुधार आएगा।

आवश्यक दस्तावेजों की सूची

हरियाणा हरा चारा बिजाई योजना में आवेदन करने के लिए कुछ दस्तावेज चाहिए। इसमें शामिल हैं:

  • किसान पंजीकरण दस्तावेज
  • हरियाणा निवासी प्रमाण पत्र
  • भूमि स्वामित्व के कागजात
  • आधार कार्ड
  • मोबाइल नंबर
  • बैंक खाता विवरण

इन दस्तावेजों की स्पष्ट प्रतियां आवेदन के साथ देनी होंगी। हरियाणा कृषि योजना आवेदन के लिए ये दस्तावेज आवश्यक हैं। इससे योजना के लाभार्थी की पहचान होती है।

पशुपालक पहचान पत्र भी जरूरी है। यह गौशालाओं को चारा देने के लिए मदद करता है।

योजना के लाभार्थियों को इन दस्तावेजों को सावधानी से देना चाहिए। इससे उन्हें आर्थिक मदद मिल सकती है।

ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया

हरियाणा हरा चारा बिजाई योजना के लिए आवेदन पूरी तरह ऑनलाइन है। किसानों को सबसे पहले हरियाणा ऑनलाइन किसान पोर्टल पर पंजीकरण करना होगा। इसमें अपना मोबाइल नंबर और कैप्चा कोड डालना होगा।

पंजीकरण प्रक्रिया

पंजीकरण के बाद, आवेदक को कृषि योजना आवेदन प्रक्रिया का चयन करना होगा। फिर, उन्हें आवेदन फॉर्म भरना होगा। इसमें आधार कार्ड, भूमि दस्तावेज, बैंक खाता विवरण और मोबाइल नंबर का उल्लेख करना होगा।

फॉर्म भरने के चरण

  1. पोर्टल पर डिजिटल किसान सेवाएं के तहत हरियाणा हरा चारा बिजाई योजना का चयन करें।
  2. आवेदन फॉर्म को सावधानीपूर्वक भरें, सुनिश्चित करें कि सभी जानकारी सही और पूर्ण है।
  3. आवश्यक दस्तावेजों को अपलोड करें, जैसे आधार कार्ड, भूमि रिकॉर्ड, बैंक खाता विवरण आदि।
  4. आवेदन को सबमिट करने से पहले एक बार फिर से सत्यापित करें।

आवेदन दाखिल करने के बाद, प्रक्रिया आगे बढ़ जाएगी। किसानों को हरियाणा ऑनलाइन किसान पोर्टल पर अपने आवेदन की स्थिति देखनी चाहिए।

डीबीटी के माध्यम से सहायता राशि का वितरण

हरियाणा सरकार ने किसानों और पशुपालकों के लिए ‘हरियाणा हरा चारा बिजाई योजना’ शुरू की है। इस योजना के तहत, 10 एकड़ तक की भूमि पर चारा उगाने वाले किसानों को प्रति एकड़ ₹10,000 की सहायता दी जाती है।1

प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) की प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि सहायता सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में पहुंचे। इससे बिचौलियों की भूमिका समाप्त हो जाती है। किसानों को अपने बैंक खाते का सही विवरण देना चाहिए ताकि धन हस्तांतरण में कोई समस्या न हो।2

अप्रैल 2022 में, राज्य में 569 गौशालाओं को ₹13.44 करोड़ का फंड दिया गया।3 यह योजना पशुपालन और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देगी।

योजना के तहत, 10 एकड़ तक की भूमि पर चारा उगाने वाले किसानों को प्रति एकड़ ₹10,000 मिलेगा।4

“हरियाणा हरा चारा बिजाई योजना के तहत प्रदान की जाने वाली वित्तीय सहायता का वितरण डीबीटी के माध्यम से किया जाएगा, जिससे पारदर्शिता और दक्षता सुनिश्चित होगी।”

योजना से जुड़े महत्वपूर्ण नियम और शर्तें

हरियाणा हरा चारा बिजाई योजना के तहत, कई नियम और शर्तें हैं। हरियाणा कृषि नियम, चारा उत्पादन मानदंड और किसान अनुदान शर्तें को सुनिश्चित करने के लिए ये हैं।

योजना के मुख्य नियम हैं:

  • लाभार्थी को हरियाणा का मूल निवासी होना चाहिए।
  • चारा उत्पादन गौशालाओं के आस-पास होना चाहिए।
  • अधिकतम 10 एकड़ तक का क्षेत्र कवर किया जा सकता है।
  • सहायता राशि का उपयोग केवल चारा उत्पादन के लिए किया जाना चाहिए।

किसानों को नियमित रूप से चारा उत्पादन की प्रगति रिपोर्ट जमा करनी होगी। सरकार को योजना के प्रभाव का आकलन करने में मदद मिलेगी।

“हरियाणा के किसानों को चारा उत्पादन के लिए सहायता राशि प्रदान करना हमारा प्रमुख उद्देश्य है। हम इसके लिए सख्त मानक निर्धारित कर रहे हैं ताकि किसानों को अधिकतम लाभ मिल सके।”- हरियाणा कृषि मंत्री

इन नियमों और शर्तों का पालन करके, किसान योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। इससे उनके पशुधन को पोषक चारा मिलेगा।

लाभार्थियों के लिए विशेष दिशानिर्देश

हरियाणा हरा चारा बिजाई योजना के लाभार्थियों को अच्छे चारे का उत्पादन करने के लिए निर्देश दिए जाते हैं। ये दिशानिर्देश उन्हें पशु आहार गुणवत्ता में सुधार करने में मदद करते हैं।

चारा उत्पादन के मानक

  • उच्च गुणवत्ता वाले बीज का चयन करें
  • समय पर सिंचाई और उर्वरकों का संतुलित उपयोग करें
  • हरियाणा चारा प्रबंधन प्रथाओं का पालन करें
  • फसल संरक्षण उपायों का उपयोग करें

गुणवत्ता नियंत्रण

लाभार्थियों को अपने चारे की गुणवत्ता का नियमित परीक्षण करना चाहिए। उन्हें कीटनाशकों का उपयोग नहीं करना चाहिए और जैविक खेती को बढ़ावा देना चाहिए।

मानकउपलब्धि
उच्च पोषक तत्वों वाला चाराकम से कम 10% कच्चा प्रोटीन सामग्री
कम निम्न गुणवत्ता वाले घटकलाइग्निन और सेल्यूलोज का स्तर 40% से कम
खराब बैक्टीरिया या कवक मुक्तमानक सीमा के अंदर

“लाभार्थियों को कृषि उत्पादन मानकों को पूरा करना चाहिए और पशु आहार गुणवत्ता को बढ़ावा देना चाहिए।”

योजना का प्रभाव और लाभ

हरियाणा सरकार की “हरियाणा हरा चारा बिजाई योजना” बहुत बड़ा बदलाव ला रही है। यह योजना हरियाणा कृषि विकास, पशुपालन आर्थिकी और ग्रामीण रोजगार सृजन में मदद कर रही है।

इस योजना के तहत, किसानों को प्रति एकड़ ₹10,000 तक की मदद मिल रही है। यह मदद उनकी आय बढ़ाने में मदद कर रही है। गौशालाओं को पर्याप्त चारा मिल रहा है, जिससे आवारा पशुओं की समस्या कम हो रही है।

पशुपालन के क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़े हैं। गाय के गोबर से तैयार PROM जैविक खाद का उत्पादन बढ़ा है। यह पारंपरिक उर्वरकों का एक अच्छा विकल्प है।

इस तरह, “हरियाणा हरा चारा बिजाई योजना” ने कृषि और पशुपालन क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यह योजना किसानों, गौशालाओं और पर्यावरण के लिए बहुत उपयोगी है।

“यह योजना हरियाणा के कृषि और पशुपालन क्षेत्र में एक गेम-चेंजर साबित हो रही है।”

कृषि विभाग की भूमिका

हरियाणा कृषि विभाग ‘हरियाणा हरा चारा बिजाई योजना’ को लागू करने में काफी महत्वपूर्ण है। यह विभाग किसानों को इस योजना का लाभ दिलाने में मदद करता है। विभाग के अधिकारी किसानों को योजना के बारे में जानकारी देते हैं और उन्हें आवेदन प्रक्रिया में सहायता करते हैं।

कृषि विभाग के किसान सहायता केंद्र योजना के बारे में जानकारी देते हैं। वे किसानों की शिकायतों का समाधान भी करते हैं। इसके अलावा, विभाग के कृषि विस्तार सेवाएं किसानों को सलाह और संसाधन प्रदान करती हैं।

इस प्रकार, हरियाणा कृषि विभाग किसानों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह उन्हें इस योजना से अधिकतम लाभ प्राप्त करने में मदद करता है। यह सुनिश्चित करता है कि योजना का लाभ समाज के सभी वर्गों तक पहुंचे।

FAQs

क्या हरियाणा हरा चारा बिजाई योजना महत्वपूर्ण है?

हां, यह योजना किसानों और पशुपालकों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह उन्हें गौशालाओं के आसपास चारा उगाने के लिए 10,000 रुपये तक की मदद देती है। इससे उनकी आय बढ़ेगी और आवारा पशुओं की समस्या कम होगी।

इस योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?

इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों और पशुपालकों को लाभ पहुंचाना है। यह उन्हें गौशालाओं के आसपास चारा उगाने के लिए प्रोत्साहित करती है। इससे उनकी आय बढ़ेगी और पशुपालन क्षेत्र में वृद्धि होगी।

योजना की प्रमुख विशेषताएं क्या हैं?

योजना की विशेषताओं में 10,000 रुपये प्रति एकड़ सहायता शामिल है। अधिकतम 1 लाख रुपये तक की सहायता दी जाती है। डीबीटी के माध्यम से सीधे खाते में अनुदान आता है।

गौशालाओं के आसपास चारा उत्पादन पर ध्यान दिया जाता है। पशुपालन को बढ़ावा देने का लक्ष्य है।

योजना के लाभार्थी कौन हैं?

हरियाणा के मूल निवासी किसान और पशुपालक योजना के लाभार्थी हैं। उन्हें हरियाणा में निवास और भूमि के वैध दस्तावेज होने चाहिए।

गौशालाओं के आसपास चारा उगाने वाले किसान विशेष रूप से पात्र हैं।

आर्थिक सहायता का विवरण क्या है?

हरियाणा सरकार प्रति एकड़ 10,000 रुपये तक की सहायता देती है। अधिकतम 1 लाख रुपये तक का लाभ है।

यह राशि डीबीटी के माध्यम से लाभार्थी के खाते में आती है।

गौशालाओं के आस-पास चारा उत्पादन के लिए क्या मानदंड हैं?

चारा उत्पादन के लिए गौशाला की निकटता और भूमि की उपयुक्तता महत्वपूर्ण है। सिंचाई सुविधाओं की भी जांच की जाती है।

बरसीम, ज्वार, मक्का और लूसर्न जैसी पौधे चुने जाते हैं। ये गायों के लिए पौष्टिक आहार हैं।

आवेदन के लिए कौन से दस्तावेज आवश्यक हैं?

आवेदन के लिए निवास प्रमाण पत्र, परिवार पहचान पत्र, भूमि के दस्तावेज, आधार कार्ड और मोबाइल नंबर आवश्यक हैं।

इन दस्तावेजों के साथ बैंक खाता विवरण भी देना होगा।

आवेदन प्रक्रिया कैसे है?

आवेदन पूरी तरह से ऑनलाइन है। किसानों को मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण करना होगा।

पंजीकरण के बाद, उन्हें योजना का चयन करना होगा और आवेदन फॉर्म भरना होगा।

सहायता राशि का वितरण कैसे होता है?

सहायता राशि डीबीटी के माध्यम से दी जाती है। यह प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि अनुदान सीधे खाते में पहुंचे।

इससे बिचौलियों की भूमिका समाप्त होती है और पारदर्शिता बढ़ती है।

योजना से संबंधित महत्वपूर्ण नियम क्या हैं?

लाभार्थी को हरियाणा में निवास करना चाहिए। चारा उत्पादन गौशालाओं के आसपास होना चाहिए।

अधिकतम 10 एकड़ तक का क्षेत्र कवर किया जा सकता है। सहायता का उपयोग केवल चारा उत्पादन के लिए होना चाहिए।

किसानों को नियमित रूप से प्रगति रिपोर्ट देनी होगी।

लाभार्थियों के लिए विशेष दिशानिर्देश क्या हैं?

लाभार्थियों को उच्च गुणवत्ता वाला चारा उत्पादन करना होगा। उचित बीज, समय पर सिंचाई, और उर्वरकों का संतुलित उपयोग आवश्यक है।

फसल संरक्षण और जैविक खेती को प्रोत्साहित किया जाता है। नियमित निरीक्षण के लिए गुणवत्ता नियंत्रण किया जाता है।

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