Haryana Van Mitra Yojana: हरियाणा वन मित्र योजना के तहत पर्यावरण संरक्षण में सहयोग करें और पाएं फायदे। जानें आवेदन प्रक्रिया और लाभ।
15 फरवरी 2024 को, हरियाणा सरकार ने हरियाणा वन मित्र योजना शुरू की। यह योजना राज्य के युवाओं को नौकरी देने और पौधारोपण को बढ़ावा देने के लिए है।
युवाओं को वन मित्र पोर्टल पर पंजीकरण करना होगा। यह 27 मार्च 2024 तक खुला रहेगा। चुने गए लोगों को पौधों की देखभाल के लिए मुआवजा मिलेगा।
हरियाणा वन मित्र योजना का परिचय
हरियाणा वन मित्र योजना भारत के हरियाणा राज्य में शुरू की गई है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने 15 फरवरी 2024 को इसकी शुरुआत की। इस योजना का मुख्य उद्देश्य गैर वन भूमि पर पेड़ लगाना है।
यह योजना युवाओं को रोजगार देने का भी माध्यम है। हरियाणा सरकार की पहल का यह एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह पर्यावरण संरक्षण में भी मदद करेगी।
योजना का प्रारंभ
15 फरवरी 2024 को हरियाणा वन मित्र योजना का शुभारंभ हुआ। इस योजना के तहत, 60,000 युवाओं को वन मित्र बनाया जाएगा। वे पेड़ों की देखभाल करेंगे और पेड़ लगाने का काम करेंगे।
मुख्य विशेषताएं
- वन मित्रों को पेड़ों की देखभाल के लिए मानदेय दिया जाएगा।
- वन मित्र योजना वन मित्र योजना विवरण के तहत आने वाली है।
- योजना का लक्ष्य पर्यावरण संरक्षण और जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में मदद करना है।
योजना का महत्व
हरियाणा वन मित्र योजना बहुत महत्वपूर्ण है। यह पर्यावरण संरक्षण में मदद करेगी और युवाओं को रोजगार देगी।
इस योजना से पूरे राज्य में पेड़ लगाने का काम बढ़ेगा। वन मित्र योजना विवरण के माध्यम से पर्यावरण की रक्षा होगी।
“हरियाणा वन मित्र योजना युवाओं को रोजगार देने और पर्यावरण संरक्षण में योगदान देने का एक अनूठा अवसर है।”
– मनोहर लाल खट्टर, मुख्यमंत्री, हरियाणा
Haryana Van Mitra Yojana के प्रमुख उद्देश्य
हरियाणा वन मित्र योजना का मुख्य उद्देश्य बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। यह योजना गैर वन भूमि पर पेड़ लगाने को भी बढ़ावा देती है। इसका लक्ष्य वन क्षेत्र को बढ़ाना भी है।
इस योजना के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण में सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा दिया जाता है। वृक्षारोपण प्रोत्साहन के माध्यम से वृक्षारोपण की सफलता को सुनिश्चित करना भी एक महत्वपूर्ण उद्देश्य है।
इस योजना के तहत रोजगार सृजन के लिए कई अवसर दिए जाएंगे। पहले चरण में 7,500 वन मित्र चुने जाएंगे। प्रत्येक वन मित्र अधिकतम 1,000 पौधे लगा सकता है।
- पहले वर्ष में प्रत्येक पौधे के लिए 30 रुपये, पिट रिपोर्ट करने के लिए 20 रुपये और प्रत्येक जीवित पौधे की देखभाल के लिए 10 रुपये दिए जाएंगे।
- दूसरे और तीसरे वर्ष में क्रमशः प्रत्येक जीवित पौधे के लिए 800 रुपये और 5 रुपये प्रति माह का भुगतान किया जाएगा।
- चौथे वर्ष में प्रत्येक जीवित पौधे के लिए 3 रुपये प्रति माह का भुगतान किया जाएगा।
इस योजना का लक्ष्य पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण कम करना है। हरियाणा में हरित क्षेत्र को बढ़ावा देना भी एक महत्वपूर्ण उद्देश्य है।
“हरियाणा वन मित्र योजना का उद्देश्य बेरोजगार युवाओं को रोजगार प्रदान करना, पर्यावरण संरक्षण में स्थानीय समुदायों की भागीदारी को प्रोत्साहित करना और राज्य में वृक्षारोपण को बढ़ावा देना है।”
इस पहल के माध्यम से, हरियाणा सरकार पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों में सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा दे रही है। बेरोजगारी को कम करने का लक्ष्य भी है।
राज्य में हरित क्षेत्र का विस्तार करना भी इस योजना का प्रमुख उद्देश्य है।
वन मित्र योजना के लिए पात्रता मानदंड
हरियाणा सरकार की वन मित्र योजना में शामिल होने के लिए, आवेदक को हरियाणा का स्थायी निवासी होना चाहिए। उनके परिवार की वार्षिक आय 1,80,000 रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।
आयु सीमा
वन मित्र योजना के लिए, आवेदक की आयु 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए। यह आयु सीमा सुनिश्चित करती है कि वे भविष्य में पौधों की देखभाल कर सकें।
आय सीमा
आवेदक का परिवार की वार्षिक आय 1,80,000 रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए। यह सुनिश्चित करता है कि केवल उन्हीं को योजना में शामिल किया जाए जिनके पास पर्याप्त संसाधन नहीं हैं।
निवास संबंधी योग्यता
आवेदक को हरियाणा का स्थायी निवासी होना आवश्यक है। यह मापदंड राज्य के मूल निवासियों को ही योजना का लाभ देने के लिए है।
इन मानदंडों का पालन करके, हरियाणा सरकार “वन मित्र” के रूप में चुने गए लोगों को पेड़ लगाने और उनकी देखभाल के लिए वित्तीय सहायता देगी। यह योजना न केवल रोजगार के अवसर प्रदान करती है, बल्कि राज्य की हरियाली और पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा देती है।
आवश्यक दस्तावेजों की सूची
हरियाणा वन मित्र योजना में शामिल होने के लिए, आपको कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों की जरूरत होगी। इन्हें संगठित करके, वन मित्र आवेदन दस्तावेज को पूरा करें और पंजीकरण प्रक्रिया को आसान बनाएं।
इन दस्तावेजों में शामिल हैं:
- हरियाणा का निवास प्रमाण पत्र
- आय प्रमाण पत्र
- आधार कार्ड
- बैंक खाता विवरण
- पासपोर्ट साइज फोटो
यदि आपके पास आवश्यक प्रमाण पत्र है कि आप किसी दूसरे की भूमि पर वृक्षारोपण कर रहे हैं, तो उसे भी जमा करना होगा।
दस्तावेज | प्रयोजन |
---|---|
हरियाणा का निवास प्रमाण पत्र | हरियाणा में स्थायी निवासी होने का प्रमाण |
आय प्रमाण पत्र | परिवार की वार्षिक आय का प्रमाण |
आधार कार्ड | पहचान और उम्र का प्रमाण |
बैंक खाता विवरण | मानदेय प्राप्त करने के लिए |
पासपोर्ट साइज फोटो | पहचान के लिए |
भूमि संबंधित दस्तावेज | स्वयं की भूमि या दूसरे की भूमि पर वृक्षारोपण के लिए |
इन आवश्यक प्रमाण पत्रों को जमा करके, आप वन मित्र योजना में शामिल हो सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए, हरियाणा वन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
वन मित्र योजना के तहत मिलने वाला मानदेय
हरियाणा सरकार ने ‘वन मित्र योजना’ शुरू की है। इस योजना के तहत, वन मित्रों को प्रोत्साहन और मानदेय दिया जाता है। यह योजना हरियाणा में वृक्षारोपण को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय समुदाय को शामिल करना चाहती है।
प्रथम वर्ष का मानदेय
वन मित्रों को पहले साल में निम्नलिखित मानदेय मिलता है:
- गड्डा खोदने पर: प्रति गड्डा 20 रुपये
- पौधा लगाने पर: प्रति पौधा 30 रुपये
- पौधों के रखरखाव के लिए: प्रति जीवित पौधा 10 रुपये
आगामी वर्षों का मानदेय
पहले साल के बाद, वन मित्रों को पौधों की देखभाल के लिए मासिक मानदेय दिया जाएगा:
- दूसरे वर्ष में: प्रति पौधा प्रति माह 8 रुपये
- तीसरे वर्ष में: प्रति पौधा प्रति माह 5 रुपये
- चौथे वर्ष में: प्रति पौधा प्रति माह 3 रुपये
इस तरह, वन मित्रों को वृक्षारोपण और देखभाल कार्यों के लिए वन मित्र मानदेय, पौधारोपण भुगतान और वृक्षारोपण प्रोत्साहन राशि मिलती है।
“हरियाणा वन मित्र योजना का उद्देश्य है कि हर व्यक्ति हरियाली को बढ़ावा दे और हमारे राज्य को अधिक हरा-भरा बनाए।”
ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया
हरियाणा सरकार की वन मित्र योजना में शामिल होना बहुत आसान है। आप वन मित्र पोर्टल पर जाकर पंजीकरण कर सकते हैं। यहां आपको अपनी जानकारी भरनी और दस्तावेज अपलोड करने होंगे।
फार्म जमा करने के बाद, आप योजना का लाभ ले सकते हैं।
इस योजना के लिए पंजीकरण 15 फरवरी 2024 से शुरू हुआ था। 27 मार्च 2024 तक यह चलेगा। लगभग 75,000 वन मित्र चुने जाएंगे।
वन मित्र पंजीकरण के लिए आवश्यक दस्तावेज:
- परिवार पहचान पत्र
- आधार कार्ड
- आय प्रमाण पत्र
- जाति प्रमाण पत्र
- पासपोर्ट साइज फोटो
- मोबाइल नंबर
- निवास प्रमाण पत्र
- राशन कार्ड
इन दस्तावेजों को PDF में अपलोड करें। पंजीकरण पूरा होने के बाद, आप वन मित्र योजना के फायदे ले सकते हैं।
वन मित्र मोबाइल एप्लीकेशन का उपयोग
हरियाणा वन मित्र योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है “वन मित्र” मोबाइल एप्लीकेशन। यह एप्लीकेशन पौधों को जियो-टैग करने और उनकी तस्वीरें अपलोड करने के लिए है। इसमें पौधों की स्थिति और देखभाल का रिकॉर्ड रखने की सुविधा भी है।
एप्लीकेशन की विशेषताएं
- पौधों की जियो-टैगिंग और फोटो अपलोड करने की सुविधा
- पौधों की स्थिति, विकास और देखभाल का ऑनलाइन रिकॉर्ड रखना
- वन मित्र योजना के तहत मिलने वाले मानदेय का प्रबंधन
- उपयोगकर्ता द्वारा की गई गतिविधियों की डिजिटल मॉनिटरिंग
और इंस्टॉलेशन
वन मित्र मोबाइल एप्लीकेशन को हरियाणा सरकार की वेबसाइट से करें। पंजीकृत वन मित्र अपने क्रेडेंशियल्स से लॉगिन कर सकते हैं। इस तरह, वन मित्र ऐप डिजिटल मॉनिटरिंग के माध्यम से मदद करता है।
“वन मित्र मोबाइल एप्लीकेशन पौधों की देखभाल और योजना के क्रियान्वयन को आसान बनाता है।”
पौधारोपण और देखभाल के दिशानिर्देश
वन संरक्षण में पौधारोपण और देखभाल बहुत महत्वपूर्ण है। ‘हरियाणा वन मित्र योजना’ के तहत, लोगों को इन दिशानिर्देशों का पालन करना होता है।
पौधारोपण और देखभाल के कुछ मुख्य नियम हैं:
- पौधे लगाने के लिए सही स्थान चुनें। यह सुनिश्चित करें कि वहां पर्याप्त प्रकाश, जल और पोषक तत्व हों।
- गड्ढे की गहराई और चौड़ाई का ध्यान रखें। इससे पौधे अच्छी तरह से विकसित होंगे।
- पौधे लगाने के लिए सही मौसम का चयन करें। मॉनसून या शीतकालीन मौसम सबसे अच्छा होता है।
- पौधों को नियमित रूप से पानी दें। इससे वे स्वस्थ और मजबूत बनेंगे।
- पौधों को कीट और रोग से बचाने के लिए समय-समय पर उपाय करें।
पौधों की नियमित निगरानी और देखभाल करना बहुत जरूरी है। वन विभाग द्वारा दिए गए प्रशिक्षण का पालन करना आवश्यक है।
इन दिशानिर्देशों का पालन करके, आप वन संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। आप अपने समुदाय को हरा-भरा बनाने में भी मदद करेंगे।
वन मित्र प्रशिक्षण कार्यक्रम
हरियाणा वन मित्र योजना के तहत, चुने हुए वन मित्रों को वन विभाग द्वारा प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण उनकी क्षमता और कौशल विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण होगा।
प्रशिक्षण में शामिल होंगे:
- पौधारोपण तकनीकें
- मृदा प्रबंधन
- जल संरक्षण
- पौधों की देखभाल
- मोबाइल एप्लीकेशन के उपयोग
प्रशिक्षण के दौरान, वन मित्रों को एक व्यापक मैनुअल भी दिया जाएगा। यह उन्हें अपनी भूमिका और कर्तव्यों के बारे में विस्तार से बताएगा।
प्रशिक्षण की अवधि और स्थान के बारे में चुने हुए उम्मीदवारों को बताया जाएगा। यह वन मित्र प्रशिक्षण, क्षमता निर्माण और कौशल विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण होगा।
“वन मित्र प्रशिक्षण कार्यक्रम वन मित्रों को पर्यावरण संरक्षण में सक्षम बनाएगा। यह उन्हें अपनी भूमिका को प्रभावी ढंग से निभाने में मदद करेगा।”
भूमि चयन और सहमति प्रक्रिया
हरियाणा वन मित्र योजना के तहत, वृक्षारोपण गैर वन भूमि पर होता है। वन मित्र अपनी भूमि या किसी दूसरे की भूमि पर पौधे लगा सकते हैं। अगर दूसरे की भूमि पर है, तो भूमि मालिक की सहमति जरूरी है।
भूमि के प्रकार
हरियाणा वन मित्र योजना के तहत, वृक्षारोपण गैर वन भूमि पर होता है। यह भूमि व्यक्ति या संस्था की हो सकती है। जैसे खेत, घर या खाली प्लॉट।
सहमति पत्र की आवश्यकता
यदि वृक्षारोपण दूसरे की भूमि पर है, तो भूमि मालिक से सहमति पत्र जरूरी है। इस पत्र में कम से कम 10 वर्षों तक पेड़ न काटने का वचन होना चाहिए। सहमति पत्र का प्रारूप सरकारी वेबसाइट पर है।
“हरियाणा वन मित्र योजना के तहत वृक्षारोपण गैर वन भूमि पर किया जाता है। यदि भूमि किसी दूसरे की है, तो भूमि मालिक की सहमति अनिवार्य है।”
सहमति पत्र में कम से कम 10 वर्षों तक पेड़ न काटने का वचन होना चाहिए। इससे पेड़ों की देखभाल और संरक्षण सुनिश्चित होता है। भूमि मालिक को वन मित्र द्वारा की जाने वाली गतिविधियों के बारे बताया जाता है।
योजना की मॉनिटरिंग व्यवस्था
हरियाणा सरकार ने ‘वन मित्र’ योजना को पौधों की देखभाल के लिए महत्वपूर्ण बनाया है। वन मित्र मोबाइल एप्लीकेशन के जरिए, पौधों की स्थिति की नियमित जियो-टैगिंग और फोटोग्राफी की जाएगी। वन विभाग के अधिकारी भी नियमित रूप से स्थलों का निरीक्षण करेंगे।
उनका काम होगा प्रगति रिपोर्ट तैयार करना।
पौधों की जीवित दर के आधार पर मानदेय भुगतान किया जाएगा। योजना की सफलता के लिए विभिन्न मानदंडों पर निगरानी रखी जाएगी। इसमें पौधारोपण के बाद पौधों की जीवित दर, उनके विकास और स्वास्थ्य में सुधार, पर्यावरण और जलवायु पर सकारात्मक प्रभाव, और समुदाय की भागीदारी शामिल है।
- पौधारोपण के बाद पौधों की जीवित दर
- पौधों के विकास और स्वास्थ्य में सुधार
- पर्यावरण और जलवायु में सकारात्मक प्रभाव
- समुदाय की भागीदारी और संतुष्टि स्तर
इस प्रकार, वन मित्र निगरानी प्रणाली सुनिश्चित करेगी कि पौधारोपण योजना का लक्ष्य और उद्देश्य प्राप्त हो रहे हैं। यह सरकार को भविष्य में इस प्रकार की योजनाओं को और अधिक प्रभावी बनाने में मदद करेगी।
महत्वपूर्ण तिथियां और समय-सीमा
हरियाणा वन मित्र योजना का शुभारंभ 15 फरवरी 2024 से होगा। वन मित्रों का पंजीकरण 15 फरवरी 2024 से शुरू होकर 27 मार्च 2024 तक चलेगा। चयनित उम्मीदवारों को प्रशिक्षण और वृक्षारोपण गतिविधियों की तिथियों की सूचना उनके संपर्क विवरण के माध्यम से दी जाएगी।
योजना का कार्यान्वयन वर्षावरण के अनुसार किया जाएगा। पहले वर्ष में वन मित्रों को गड्ढों की जिओ ट्रेनिंग करनी होगी। गड्ढे खोदने पर ₹20 की राशि दी जाएगी।
इसके अलावा, वन मित्रों को लगाए गए पौधों पर ₹30 मिलेंगे। फिर वृक्षारोपण के रखरखाव और सुरक्षा के लिए प्रति जीवित पौधे के हिसाब से ₹10 दिए जाएंगे।
वर्ष | प्रति जीवित पौधे के लिए मानदेय |
---|---|
दूसरा वर्ष | ₹8 प्रति महीने |
तीसरा वर्ष | ₹5 प्रति महीने |
चौथा वर्ष | ₹3 प्रति महीने |
हरियाणा सरकार ने वन मित्रों को अधिकतम 1000 पौधे लगाने का अधिकार दिया है। पहले चरण में, पोर्टल के माध्यम से 7500 वन मित्रों का चयन किया जाएगा।
तकनीकी सहायता और समर्थन
हरियाणा वन मित्र योजना के लिए एक विस्तृत तकनीकी समर्थन प्रणाली विकसित की गई है। वन मित्र योजना के क्रियान्वयन में किसी भी प्रकार की समस्या या जानकारी के लिए एक हेल्पलाइन नंबर उपलब्ध कराया गया है। प्रत्येक वन मित्र को इस हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करके अपनी समस्याओं का समाधान प्राप्त कर सकता है।
हेल्पलाइन नंबर
वन मित्र योजना के संबंध में किसी भी जानकारी या समस्या के लिए वन मित्र समर्थन टीम द्वारा टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 1800-180-2525 उपलब्ध कराया गया है। आवेदक इस नंबर पर संपर्क करके अपनी समस्याओं का समाधान प्राप्त कर सकते हैं।
समस्या समाधान
वन मित्र योजना के तहत आवेदकों को मिल रही किसी भी प्रकार की समस्या या जानकारी के लिए तकनीकी समर्थन टीम द्वारा समर्पित प्रयास किए जाएंगे। आवेदकों के द्वारा उठाई गई समस्याओं को प्राथमिकता से हल किया जाएगा। उन्हें शीघ्र से शीघ्र समाधान प्रदान किया जाएगा।
साथ ही, वन मित्र योजना पोर्टल और मोबाइल एप्लीकेशन पर भी समस्या निवारण के लिए विकल्प उपलब्ध होंगे।
FAQs
क्या वन मित्र योजना के तहत कोई आयु सीमा है?
वन मित्र योजना में आयु सीमा के बारे में जानकारी नहीं दी गई है। लेकिन, आपको गैर वन भूमि पर पेड़ लगाने की इच्छा होनी चाहिए।
वन मित्र योजना के लिए कौन से दस्तावेज आवश्यक हैं?
आपको निम्नलिखित दस्तावेज चाहिए: हरियाणा का निवास प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, और बैंक खाता विवरण। पासपोर्ट साइज फोटो भी आवश्यक है।
यदि आप अपनी भूमि पर पेड़ लगाना चाहते हैं, तो भूमि संबंधित दस्तावेज चाहिए। दूसरी भूमि पर पेड़ लगाने के लिए सहमति पत्र की आवश्यकता होगी।
वन मित्र को कितना मानदेय मिलेगा?
पहले वर्ष में वन मित्र को गड्ढा खोदने के लिए 20 रुपये प्रति गड्डा, पेड़ लगाने के लिए 30 रुपये प्रति पेड़ मिलेगा। रखरखाव के लिए 10 रुपये प्रति जीवित पेड़।
दूसरे वर्ष से वन मित्र को 8 रुपये प्रति माह प्रति पेड़ मिलेंगे। मानदेय पौधों की देखभाल और जीवित रहने पर आधारित होगा।
वन मित्र योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन कैसे करें?
वन मित्र पोर्टल पर जाकर नया पंजीकरण करें। वहां आवश्यक जानकारी भरें, दस्तावेज अपलोड करें, और फॉर्म जमा करें।
पंजीकरण 15 फरवरी 2024 से शुरू हुआ और 27 मार्च 2024 को समाप्त हुआ।
वन मित्र मोबाइल एप्लीकेशन क्या है और इसका उपयोग क्या है?
वन मित्र मोबाइल एप्लीकेशन पौधों की जियो-टैगिंग और फोटोग्राफ अपलोड करने के लिए है। इसमें पौधों की स्थिति और देखभाल का रिकॉर्ड रखने की सुविधा है।
पंजीकृत वन मित्र अपने क्रेडेंशियल्स से लॉगिन कर सकते हैं।
पौधारोपण और देखभाल के लिए क्या दिशानिर्देश हैं?
पौधारोपण के लिए सही स्थान का चयन करें। गड्ढे की गहराई और चौड़ाई को सुनिश्चित करें।
मौसम के अनुसार पेड़ लगाएं और नियमित सिंचाई करें। कीट और रोग नियंत्रण के लिए उपाय करें।
पौधों की नियमित निगरानी और रखरखाव आवश्यक है। वन विभाग द्वारा दिए गए प्रशिक्षण का पालन करें।
वन मित्र प्रशिक्षण कार्यक्रम क्या है?
चुने गए वन मित्रों को वन विभाग द्वारा प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें पौधारोपण तकनीक, मृदा प्रबंधन, और जल संरक्षण शामिल हैं।
प्रशिक्षण की अवधि और स्थान चुने गए उम्मीदवारों को बताया जाएगा।
कहां पर वृक्षारोपण किया जा सकता है और सहमति की क्या प्रक्रिया है?
वृक्षारोपण गैर वन भूमि पर किया जाएगा। आप अपनी भूमि या दूसरे की भूमि पर पेड़ लगा सकते हैं।
दूसरी भूमि पर पेड़ लगाने के लिए, भूमि मालिक से सहमति पत्र लें। इसमें कम से कम 10 वर्ष तक पेड़ न काटने का वचन होना चाहिए।
योजना की मॉनिटरिंग कैसे की जाएगी?
वन मित्र मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से पौधों की निगरानी की जाएगी। वन विभाग के अधिकारी नियमित रूप से स्थल का निरीक्षण करेंगे।
जियो-टैगिंग और फोटोग्राफ के माध्यम से पौधों की प्रगति का डिजिटल रिकॉर्ड रखा जाएगा। मानदेय पौधों की जीवित दर के आधार पर दिया जाएगा।
योजना के लिए महत्वपूर्ण तिथियां क्या हैं?
योजना का शुभारंभ 15 फरवरी 2024 को हुआ। पंजीकरण 15 फरवरी 2024 से शुरू हुआ और 27 मार्च 2024 को समाप्त हुआ।
प्रशिक्षण और वृक्षारोपण गतिविधियों की तिथियां चुने गए उम्मीदवारों को सूचित की जाएंगी।
तकनीकी सहायता के लिए क्या व्यवस्था है?
वन मित्र योजना के लिए तकनीकी सहायता टीम गठित की गई है। समस्याओं के समाधान के लिए हेल्पलाइन नंबर उपलब्ध है।
पोर्टल या मोबाइल एप्लीकेशन से संबंधित किसी भी मुद्दे के लिए सहायता प्रदान की जाएगी।