Jharkhand Eklavya Prashikshan Yojana: झारखंड एकलव्य प्रशिक्षण योजना से आदिवासी छात्रों को मिलेगा शिक्षा और रोजगार का अवसर। जानें आवेदन प्रक्रिया और लाभ।
झारखंड एकलव्य प्रशिक्षण योजना राज्य के युवाओं के लिए शुरू की गई है। यह उन्हें बेहतर रोजगार और सुरक्षित भविष्य देने के लिए है। 27,000 युवाओं को प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थानों में मुफ्त प्रशिक्षण मिलेगा।
इसके अलावा, उन्हें हर महीने सहायता भी मिलेगी। यह योजना UPSC, JPSC, रेलवे, बैंकिंग और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए है।
झारखंड सरकार इस योजना पर 190.05 करोड़ रुपये खर्च करेगी। 8,000 छात्रों को मुफ्त कोचिंग मिलेगी।
इच्छुक छात्र UPSC, JPSC और बैंकिंग क्लर्क परीक्षा की तैयारी के लिए 2,500 रुपये की सहायता प्राप्त करेंगे।
योजना का परिचय
झारखंड एकलव्य प्रशिक्षण योजना 2024 में शुरू हुई। यह योजना वरिष्ठ मंत्री श्री हेमंत सोरेन द्वारा शुरू की गई। इसका उद्देश्य झारखंड के योग्य छात्रों को मुफ्त कोचिंग देना है।
योजना का महत्व
इस योजना से झारखंड सरकार शिक्षा और रोजगार पर ध्यान दे रही है। यह युवाओं को बेहतर कौशल और करियर-उन्मुख प्रशिक्षण देती है।
सरकारी निवेश
झारखंड सरकार इस योजना पर 190.05 करोड़ रुपये खर्च करेगी। हर साल 8,000 छात्रों को मुफ्त कोचिंग और वित्तीय सहायता मिलेगी।
लाभार्थियों की संख्या
इस योजना से 27,000 युवाओं को लाभ होगा। इसमें विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी शामिल है।
“झारखंड एकलव्य प्रशिक्षण योजना युवाओं को बेहतर कौशल और करियर-उन्मुख प्रशिक्षण प्रदान करके उनके भविष्य को संवारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।”
झारखंड एकलव्य प्रशिक्षण योजना
झारखंड सरकार ने एकलव्य प्रशिक्षण योजना शुरू की है। यह आदिवासी, दलित, अल्पसंख्यक और गरीब वर्ग के प्रतिभाशाली छात्रों को मुफ्त कोचिंग देती है।
ये छात्र UPSC, JPSC, SSC, बैंकिंग और रेलवे जैसी परीक्षाओं में सफल होने के लिए तैयार होंगे। इसके अलावा, प्रत्येक छात्र को 2500 रुपये की मासिक सहायता भी मिलती है।
इस योजना के तहत, 25 कोचिंग संस्थानों का नेटवर्क विकसित किया गया है। 1,000 छात्रों को UPSC, 2,000 छात्रों को JPSC, 2,000 छात्रों को बैंक पीओ, 5,000 छात्रों को बैंक क्लर्क, 8,500 छात्रों को रेलवे और 8,500 छात्रों को SSC के लिए तैयार किया जाएगा।
इस योजना का बजट 190 करोड़ रुपये है। यह प्रति वर्ष 27,000 छात्रों को लाभ पहुंचाएगी।
योजना में शामिल होने के लिए, आवेदक झारखंड का स्थायी निवासी होना चाहिए। उन्हें 18-35 वर्ष की आयु में होना और कम से कम 10वीं पास होना आवश्यक है।
आवेदन के लिए, आधार कार्ड, पैन कार्ड, निवास प्रमाण, आय प्रमाण, फोटो, मोबाइल नंबर, जाति प्रमाण पत्र, बैंक खाता विवरण, ड्राइविंग लाइसेंस, जन्म प्रमाण पत्र और घोषणा पत्र की आवश्यकता है। छात्र https://www.epyjharkhand.com/ पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
निष्कर्ष रूप में, झारखंड एकलव्य प्रशिक्षण योजना विपन्न वर्ग के प्रतिभाशाली छात्रों को निःशुल्क कोचिंग और मासिक सहायता देती है। यह उन्हें भविष्य के लिए तैयार करती है और उन्हें बेहतर रोजगार के अवसर प्रदान करती है।
योजना के मुख्य उद्देश्य
झारखंड एकलव्य प्रशिक्षण योजना का मुख्य उद्देश्य है। यह राज्य के युवाओं को बेहतर रोजगार के अवसर देना है। उनका कौशल विकास और आर्थिक सशक्तिकरण भी इसमें शामिल है।
इस योजना के माध्यम से युवाओं को प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं की तैयारी के लिए गुणवत्तापूर्ण मार्गदर्शन मिलता है।
रोजगार के अवसर
इस योजना का लक्ष्य है कि छात्रों को उनकी योग्यता और क्षमता के अनुसार रोजगार मिले। कौशल विकास और व्यक्तिगत मार्गदर्शन पर विशेष ध्यान दिया जाता है।
कौशल विकास
योजना के तहत छात्रों को व्यावसायिक और तकनीकी कौशलों का विकास किया जाता है। उन्हें नए रोजगार अवसर मिलेंगे। वे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा भी प्राप्त करेंगे।
आर्थिक सशक्तिकरण
इस योजना के तहत छात्रों को मासिक स्टाइपेंड दिया जाता है। यह उनके आर्थिक सशक्तिकरण में मदद करता है। वे अपनी शिक्षा और कौशल विकास पर ध्यान दे सकते हैं।
“इस योजना के माध्यम से युवाओं को प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं की गुणवत्तापूर्ण तैयारी के लिए व्यापक सहायता प्रदान की जाती है।”
योजना के अंतर्गत प्रशिक्षण श्रेणियां
झारखंड सरकार ने एकलव्य प्रशिक्षण योजना के तहत लाखों विद्यार्थियों को शामिल किया है। इस योजना का उद्देश्य है कि राज्य के युवाओं को UPSC, JPSC, SSC, बैंकिंग परीक्षा और रेलवे भर्ती जैसी परीक्षाओं के लिए तैयार किया जाए।
इस योजना के तहत 27,000 छात्रों को लाभ होगा। 1,000 छात्र UPSC सिविल सेवा के लिए, 2,000 JPSC सिविल सेवा के लिए, 2,000 बैंक पीओ के लिए, 5,000 बैंक क्लर्क के लिए, 8,500 रेलवे भर्ती बोर्ड के लिए और 8,500 कर्मचारी चयन आयोग के लिए प्रशिक्षित होंगे।
झारखंड सरकार ने इस योजना के लिए 190 करोड़ रुपये निवेश किया है। प्रत्येक छात्र को प्रशिक्षण के दौरान हर महीने 2,500 रुपये मिलेंगे।
एकलव्य प्रशिक्षण योजना के माध्यम से युवाओं को व्यापक प्रशिक्षण मिल रहा है। यह उनके कौशल विकास और आर्थिक सशक्तिकरण में मदद करेगा।
लाभार्थियों के लिए पात्रता मानदंड
झारखंड एकलव्य प्रशिक्षण योजना के लिए, आवेदक को कुछ मानदंडों को पूरा करना होता है। इन मानदंडों में शामिल हैं:
आयु सीमा
योजना के लिए आवेदक की आयु 16 से 35 वर्ष के बीच होनी चाहिए। यह छात्रों को पूरा प्रशिक्षण पूरा करने और रोजगार के अवसर प्राप्त करने में मदद करता है।
शैक्षणिक योग्यता
आवेदक को न्यूनतम 12वीं कक्षा उत्तीर्ण होना चाहिए। योजना में प्रवेश “पहले आओ पहले पाओ” के आधार पर दिया जाता है। इस प्रकार, 12वीं कक्षा के उच्च अंक वाले छात्रों को प्राथमिकता मिलती है।
इसके अलावा, आवेदक को झारखंड का स्थायी निवासी होना आवश्यक है। इस प्रकार, योजना का लाभ मुख्यतः झारखंड के निवासियों को मिलता है।
“योजना के माध्यम से, हम झारखंड के युवाओं को कौशल विकास और रोजगार के अवसर प्रदान करने का प्रयास कर रहे हैं।”
– श्री रघुबर दास, मुख्यमंत्री, झारखंड
आवश्यक दस्तावेज
झारखंड एकलव्य प्रशिक्षण योजना में शामिल होने के लिए, आपको कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज देने होंगे। इसमें निम्नलिखित शामिल हैं:
- झारखंड का निवास प्रमाण पत्र
- आय प्रमाण पत्र
- 12वीं कक्षा का अंक पत्र
- अन्य शैक्षणिक प्रमाण पत्र
इसके अलावा, आपको आधार कार्ड, बैंक पासबुक, जाति प्रमाण पत्र, स्वघोषणा प्रमाण पत्र, और पासपोर्ट साइज़ फोटो भी देना होगा। यह सुनिश्चित करता है कि आपका आवेदन पूरा और सही है।
इन दस्तावेजों को देने से आप झारखंड एकलव्य प्रशिक्षण योजना के लाभ प्राप्त कर सकते हैं। इस योजना से युवाओं को कौशल प्रशिक्षण, कंप्यूटर शिक्षा, भाषा प्रशिक्षण और नौकरी के अवसर मिलते हैं।
“झारखंड एकलव्य प्रशिक्षण योजना युवाओं को रोजगार और आर्थिक स्वतंत्रता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।”
मासिक सहायता राशि का विवरण
झारखंड एकलव्य प्रशिक्षण योजना के तहत, छात्रों को प्रति माह 2500 रुपये की मासिक सहायता राशि मिलती है। यह राशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से उनके बैंक खाते में आती है।
भुगतान प्रक्रिया
मासिक सहायता राशि डीबीटी के माध्यम से दी जाती है। यह प्रक्रिया छात्रों को सीधे लाभ पहुंचाने के लिए है। सरकार ने इसे भ्रष्टाचार को रोकने के लिए शुरू किया है।
लाभ की अवधि
योजना के तहत, छात्रों को कोचिंग सत्र की पूरी अवधि तक मासिक भत्ता मिलता है। यह उनके शैक्षणिक और व्यावसायिक लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करता है।
“झारखंड एकलव्य प्रशिक्षण योजना के तहत, छात्रों को कोचिंग सत्र की अवधि के लिए प्रति माह 2500 रुपये की मासिक सहायता दी जाती है, जो डीबीटी के माध्यम से उनके बैंक खातों में जमा की जाती है।”
आवेदन प्रक्रिया
झारखंड एकलव्य प्रशिक्षण योजना में भाग लेने के लिए, दो तरीके हैं। आप ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन कर सकते हैं। यह सुनिश्चित करें कि आप सभी आवश्यक दस्तावेज तैयार रखते हैं। और अंतिम तिथि से पहले अपना आवेदन फॉर्म जमा कर दें।
ऑनलाइन आवेदन के लिए, आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं। वहां अपने व्यक्तिगत और शैक्षणिक विवरण भरें। अपने दस्तावेजों को भी अपलोड करें।
ऑफलाइन आवेदन के लिए, नजदीकी कार्यालय या काउंसलिंग केंद्र जाएं। वहां आवेदन फॉर्म भरें और अपने दस्तावेजों की प्रतियां जमा करें।
किसी भी माध्यम से आवेदन करते समय, अंतिम तिथि से पहले आवेदन करें। देर से आवेदन को विचार नहीं किया जाएगा।
“यह योजना युवाओं को कौशल प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर प्रदान करके उनके जीवन में एक नई दिशा प्रदान करेगी।”
कोचिंग संस्थानों का चयन
झारखंड में प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थानों का चयन किया गया है। ये संस्थान छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देंगे। उनका चयन शैक्षणिक गुणवत्ता और पिछले परिणामों के आधार पर किया गया है।
पैनल में शामिल संस्थानों को चुना गया है। वे प्रतिष्ठित हैं और छात्रों को अच्छी कोचिंग दे सकते हैं। इनमें से कुछ राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त हैं।
छात्रों को प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थानों में मुफ्त कोचिंग मिलेगी। यह उनके कौशल विकास और रोजगार के अवसरों को बढ़ाएगा। यह योजना छात्रों के आर्थिक सशक्तिकरण में भी मदद करेगी।
“हमारा लक्ष्य है कि झारखंड के युवाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और कोचिंग प्रदान करके उनका सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करना।”
– राज्य सरकार का प्रतिनिधि
योजना की विशेष सुविधाएं
झारखंड एकलव्य प्रशिक्षण योजना में छात्रों को कई सुविधाएं मिलती हैं। आवास सुविधा और गुणवत्तापूर्ण पाठ्य सामग्री इनमें से कुछ प्रमुख हैं।
छात्रावास सुविधा
इस योजना के तहत, छात्रों को छात्रावास की सुविधा मिलती है। छात्रावासों में खाना, स्वच्छ पेयजल, आराम की जगह और अन्य सुविधाएं होती हैं।
इन सुविधाओं से छात्र अपने व्यक्तित्व विकास पर ध्यान दे सकते हैं।
स्टडी मटेरियल
इस योजना में छात्रों को पाठ्य सामग्री भी मिलती है। इसमें किताबें, लैब उपकरण, कंप्यूटर प्रशिक्षण और अंग्रेजी भाषा कौशल विकास शामिल हैं।
“योजना के तहत हमें गुणवत्तापूर्ण शैक्षणिक संसाधन और बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। यह हमारे व्यक्तित्व और कौशल विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।”
प्रशिक्षण अवधि और पाठ्यक्रम
झारखंड एकलव्य प्रशिक्षण योजना में प्रशिक्षण की अवधि परीक्षा के प्रकार पर निर्भर करती है। इसमें सामान्य अध्ययन, वर्तमान मामले, तार्किक तर्क और विशिष्ट प्रशिक्षण मॉड्यूल शामिल हैं। ये कोर्स अवधि और पाठ्यक्रम संरचना को निर्धारित करते हैं।
प्रशिक्षण मॉड्यूल में कई महत्वपूर्ण विषय हैं। ये छात्रों को प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में सफल होने में मदद करते हैं। इसमें सामान्य बुद्धि, सामाजिक अध्ययन, विज्ञान और तकनीक जैसे विषय शामिल हैं।
इस योजना के तहत, छात्रों को एक मजबूत पाठ्यक्रम मिलता है। इसमें व्यापक विषय-वस्तु और रणनीतिक दृष्टिकोण होता है। इससे वे प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं।
प्रशिक्षण मॉड्यूल | कोर्स अवधि | पाठ्यक्रम संरचना |
---|---|---|
सामान्य अध्ययन, वर्तमान मामले, तार्किक तर्क | प्रतिस्पर्धी परीक्षा के प्रकार के आधार पर अलग-अलग | व्यापक विषय-वस्तु और रणनीतिक दृष्टिकोण |
इस प्रकार, झारखंड एकलव्य प्रशिक्षण योजना छात्रों को व्यापक और व्यावहारिक प्रशिक्षण देती है। यह उन्हें प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में सफल होने के लिए तैयार करती है।
“एकलव्य प्रशिक्षण योजना के तहत छात्रों को कोई शुल्क नहीं लेकर उन्हें बेहतर प्रशिक्षण दिया जाता है, जिससे उनका कौशल विकास हो और वे अच्छी नौकरियों में जा सकें।”
योजना की मुख्य विशेषताएं
झारखंड सरकार की ‘एकलव्य प्रशिक्षण योजना’ बहुत विशेष है। गरीब और वंचित छात्रों को मुफ्त कोचिंग, मासिक भत्ता और छात्रावास मिलता है। यह युवाओं को रोजगार के कई अवसर भी देती है।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य कौशल विकास और आर्थिक सशक्तिकरण है। प्रशिक्षित युवाओं को व्यापक पाठ्यक्रम और प्रैक्टिकल ट्रेनिंग मिलती है। इससे उनकी नौकरी और उद्यमिता क्षमता बढ़ती है।
- मुफ्त गुणवत्तापूर्ण कोचिंग
- मासिक आर्थिक सहायता राशि
- छात्रावास सुविधा
- व्यापक पाठ्यक्रम और प्रैक्टिकल ट्रेनिंग
- रोजगार के अवसर
इन विशेषताओं से ‘एकलव्य प्रशिक्षण योजना’ झारखंड के युवाओं के लिए एक सुनहरा मौका है। यह उनके कौशल विकास और आर्थिक सशक्तिकरण में मदद करती है।
“राज्य के युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करना और उनका आर्थिक सशक्तिकरण करना हमारी सरकार की प्राथमिकता है। ‘एकलव्य प्रशिक्षण योजना’ इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”
– श्री हेमंत सोरेन, मुख्यमंत्री, झारखंड
विशेषता | विवरण |
---|---|
मुफ्त गुणवत्तापूर्ण कोचिंग | प्रशिक्षणार्थियों को मुफ्त में उच्च गुणवत्ता की कोचिंग प्रदान की जाती है। |
मासिक आर्थिक सहायता | प्रशिक्षणार्थियों को प्रति माह 1000 रुपये (पुरुष) और 1500 रुपये (महिलाएं और दिव्यांग) की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। |
छात्रावास सुविधा | प्रशिक्षणार्थियों को निःशुल्क छात्रावास सुविधा प्रदान की जाती है। |
व्यापक पाठ्यक्रम और प्रैक्टिकल ट्रेनिंग | कोर्स में व्यक्तित्व विकास, कौशल प्रशिक्षण और व्यावहारिक अभ्यास शामिल हैं। |
रोजगार के अवसर | प्रशिक्षण के बाद उम्मीदवारों को सरकारी और निजी क्षेत्रों में नौकरी के अवसर प्रदान किए जाते हैं। |
इस प्रकार, ‘एकलव्य प्रशिक्षण योजना’ झारखंड के युवाओं के लिए बहुत फायदेमंद है। यह उन्हें कौशल विकास, आर्थिक सहायता और बेहतर रोजगार के अवसर प्रदान करती है।
योजना की कार्यान्वयन प्रक्रिया
झारखंड एकलव्य प्रशिक्षण योजना को राज्य सरकार की एक विशेष समिति द्वारा चलाया जाता है। इस समिति में विशेषज्ञ हैं जो योजना के विभिन्न पहलुओं पर निगरानी करते हैं।
योजना को चलाने में नियमित निगरानी, प्रगति मूल्यांकन और फीडबैक तंत्र बहुत महत्वपूर्ण हैं। ये तंत्र योजना की प्रभावशीलता और लाभार्थियों की संतुष्टि को सुनिश्चित करते हैं।
- योजना की योजना निगरानी के लिए विभिन्न मूल्यांकन मापदंड निर्धारित किए गए हैं।
- लाभार्थियों से नियमित प्रगति मूल्यांकन और फीडबैक प्राप्त किया जाता है।
- इन मूल्यांकनों के आधार पर आवश्यक संशोधन और सुधार किए जाते हैं।
इस प्रकार, योजना को चलाने में नियमित निगरानी, प्रगति मूल्यांकन और फीडबैक तंत्र का बहुत बड़ा योगदान है। यह योजना के प्रभावी और लक्षित कार्यान्वयन को सुनिश्चित करता है।
“झारखंड एकलव्य प्रशिक्षण योजना के कार्यान्वयन में नियमित मूल्यांकन और फीडबैक तंत्र की भूमिका महत्वपूर्ण है। यह योजना के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करता है।”
निष्कर्ष
झारखंड एकलव्य प्रशिक्षण योजना राज्य के युवाओं को कौशल विकास और रोजगार के अवसर देती है। यह योजना उन्हें आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने में मदद करती है।
राज्य सरकार ने इस योजना पर बड़ा निवेश किया है। यह दिखाता है कि सरकार युवाओं के कौशल विकास और रोजगार को महत्व देती है।
इस योजना के तहत, छात्र अपने पेशे को बेहतर बनाने के लिए प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं। वे वित्तीय सहायता भी प्राप्त करते हैं।
झारखंड एकलव्य प्रशिक्षण योजना राज्य के युवाओं के लिए एक महत्वपूर्ण मार्गदर्शक है। यह उन्हें समृद्धि और सतत भविष्य प्रदान करती है।
FAQs
झारखंड एकलव्य प्रशिक्षण योजना क्या है?
झारखंड एकलव्य प्रशिक्षण योजना झारखंड सरकार का एक कार्यक्रम है, जो 27,000 युवाओं को मुफ्त कोचिंग और मासिक सहायता प्रदान करता है। इस योजना का उद्देश्य युवाओं को प्रमुख परीक्षाओं जैसे UPSC, JPSC, और रेलवे के लिए तैयारी करवाना है।
एकलव्य प्रशिक्षण योजना की प्रमुख विशेषताएँ क्या हैं?
- मुफ्त कोचिंग और मासिक सहायता प्रदान की जाती है।
- योजना में होस्टल सुविधाएँ और एक विस्तृत पाठ्यक्रम शामिल है।
- यह योजना युवाओं के बेहतर नौकरी अवसर प्रदान करने के लिए है।
योजना के लिए पात्र लाभार्थी कौन हैं?
- झारखंड राज्य का कोई भी निवासी आवेदन कर सकता है।
- उम्मीदवार को 12वीं कक्षा पास करना आवश्यक है।
- साथ ही, आपको पता प्रमाण, आय प्रमाण और 12वीं कक्षा के अंक दिखाने होंगे।
योजना के तहत मासिक वित्तीय सहायता कितनी है?
- प्रत्येक छात्र को ₹2,500 प्रतिमाह दिया जाता है।
- यह धनराशि सीधे डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से उनके बैंक खाते में भेजी जाती है।
एकलव्य प्रशिक्षण योजना के लिए आवेदन कैसे करें?
- आवेदन ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरीकों से किया जा सकता है।
- आवेदन करने से पहले सुनिश्चित करें कि आपके पास सभी दस्तावेज़ तैयार हों।
- आवेदन की अंतिम तिथि से पहले आवेदन जमा करें।
योजना के तहत कोचिंग संस्थानों का चयन कैसे किया गया है?
- 25 प्रमुख कोचिंग केंद्रों का चयन किया गया है।
- इन कोचिंग संस्थाओं का चयन उनकी गुणवत्ता और पिछले सफलता रिकॉर्ड के आधार पर किया गया है।
एकलव्य प्रशिक्षण योजना के मुख्य उद्देश्य क्या हैं?
- इस योजना का मुख्य उद्देश्य युवाओं को बेहतर नौकरी और कौशल प्रदान करना है।
- यह योजना उन्हें प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मार्गदर्शन और आर्थिक सहायता भी देती है।
एकलव्य प्रशिक्षण योजना के तहत कौन सी परीक्षाएँ कवर की जाती हैं?
- इस योजना में कई परीक्षाओं की तैयारी कराई जाती है, जिनमें UPSC, JPSC, बैंक पीओ, बैंक क्लर्क, रेलवे और स्टाफ सेलेक्शन कमीशन शामिल हैं।
योजना के कार्यान्वयन और निगरानी की प्रक्रिया कैसी है?
- योजना के कार्यान्वयन और निगरानी के लिए एक विशेष समिति बनाई गई है।
- यह समिति योजना की प्रगति की निगरानी करती है और प्रतिक्रिया इकट्ठा करती है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कार्यक्रम सही तरीके से काम कर रहा है।