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Pradhanmantri Svanidhi Yojana | प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना: रेहड़ी-पटरी वालों के लिए आसान ऋण सुविधा!

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Pradhanmantri Svanidhi Yojana: प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना की पूरी जानकारी पाएं। रेहड़ी-पटरी व्यवसायियों के लिए ₹10,000 तक का लोन कैसे प्राप्त करें, जानें।

प्रधान मंत्री स्ट्रीट वेंडर की आत्मनिर्भर निधि योजना का शुरुआत 2020-21 से हुई। यह योजना शहरी पथ विक्रेताओं को कार्यशील पूंजी ऋण देने के लिए है। इसका उद्देश्य डिजिटल लेनदेन को भी बढ़ावा देना है।

योजना का समय 2 वर्ष है। इसमें पात्र स्ट्रीट वेंडर्स को 10,000 रुपये तक का ऋण मिलता है। ऋण पर कोई गारंटी नहीं होती है।

यदि वे समय पर या जल्दी वापस कर देते हैं, तो उन्हें ब्याज सब्सिडी मिलती है।

Pradhanmantri Svanidhi Yojana क्या है?

प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना एक केंद्रीय योजना है। इसका उद्देश्य शहरी पथ विक्रेताओं को मदद करना है। यह योजना 2020-21 से शुरू हुई है और 2 वर्षों तक चलेगी।

इस योजना के तहत, पात्र विक्रेताओं को 10,000 रुपये तक का ऋण मिलता है।

योजना के तहत, पात्र पथ विक्रेताओं को तीन किश्तों में ऋण मिलता है:

  • पहली किश्त में 10,000 रुपये
  • दूसरी किश्त में 20,000 रुपये
  • तीसरी किश्त में 50,000 रुपये

इस योजना के तहत, पथ विक्रेताओं को डिजिटल लेनदेन के लिए कैशबैक मिलता है। उन्हें ब्याज सब्सिडी भी मिलती है।

मापदंडविवरण
ऋण राशिपहली किश्त – ₹10,000, दूसरी किश्त – ₹20,000, तीसरी किश्त – ₹50,000
ब्याज दरRLLR + 1.45% + MCLR (0.50) प्रति वर्ष
ऋण अवधिपहली किश्त – अधिकतम 12 महीने, दूसरी किश्त – अधिकतम 18 महीने
कैशबैकडिजिटल लेनदेन पर कैशबैक प्रदान किया जाता है
प्रोसेसिंग शुल्ककोई प्रोसेसिंग शुल्क नहीं

इस प्रकार, Pradhanmantri Svanidhi Yojana का उद्देश्य शहरी पथ विक्रेताओं को मदद करना है। यह उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने के लिए है।

योजना के उद्देश्य और लक्ष्य समूह

प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना का मुख्य उद्देश्य है। यह शहरी पथ विक्रेताओं को मदद करना है।

इस योजना से वे कार्यशील पूंजी ऋण प्राप्त कर सकते हैं। वे डिजिटल लेनदेन को भी बढ़ावा दे सकते हैं।

विक्रेताओं को नियमित पुनर्भुगतान करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। वे डिजिटल लेनदेन के लिए कैशबैक भी प्राप्त करते हैं।

उद्देश्य

यह योजना शहरी क्षेत्रों के लिए है। इसमें विक्रय गतिविधि में लगे सभी स्ट्रीट वेंडर्स शामिल हैं।

उद्देश्य स्ट्रीट वेंडर्स को सक्षम बनाना है। उनकी वित्तीय स्थिरता में सुधार करना भी है।

लक्ष्य समूह

पात्र लाभार्थियों की पहचान की जाती है। यह शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) या टाउन वेंडिंग समितियों (टीवीसी) द्वारा की जाती है।

वेंडिंग प्रमाणपत्र/पहचान पत्र रखने वाले स्ट्रीट वेंडर शामिल हैं। जिनकी सर्वेक्षण में पहचान की गई है लेकिन प्रमाणपत्र नहीं दिया गया है।

प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना का उद्देश्य है। यह शहरी पथ विक्रेताओं को मदद करने के लिए है।

उन्हें कार्यशील पूंजी ऋण प्रदान करना है। डिजिटल लेनदेन को भी बढ़ावा देना है।

वेंडिंग प्रमाणपत्र/पहचान पत्र रखने वाले स्ट्रीट वेंडर इसमें शामिल हैं। जिनकी सर्वेक्षण में पहचान की गई है लेकिन प्रमाणपत्र नहीं दिया गया है।

यूएलबी/टीवीसी द्वारा अनुशंसित स्ट्रीट वेंडर भी इसमें शामिल हैं।

पात्रता मानदंड और लाभार्थियों की पहचान

यह योजना शहरी क्षेत्रों में वेंडिंग गतिविधि में लगे सभी स्ट्रीट वेंडर्स के लिए है। पात्र लाभार्थियों की पहचान निम्नलिखित मानदंडों के अनुसार की जाती है:

  • स्ट्रीट वेंडर होना चाहिए, जो कोविड-19 महामारी के समय में व्यापारिक गतिविधियों से प्रभावित हुए हों।
  • आवेदक के पास अपने व्यवसाय से जुड़े दस्तावेज होने चाहिए, जैसे कि व्यापार लाइसेंस, दुकान का किराया समझौता या संपत्ति का दस्तावेज।
  • लाभार्थियों को प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के लिए आवेदन करते समय प्राथमिकता दी जाएगी।
  • योजना का लाभ केवल भारत के किसी भी राज्य में रहने वाले लोगों को ही मिल सकता है।

अब तक प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत 30,42,337 लोन अप्लीकेशन मंजूर हो चुके हैं। 26,83,931 लोन वितरित किए जा चुके हैं। 2,98,807 लोन की वापसी भी हो चुकी है।

उत्तर प्रदेश से प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत 28% से अधिक लाभार्थियों को दर्ज किया गया है।

प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना में कुछ बैंकों ने 6.67 लाख लोन अप्लीकेशन को प्रोसेस नहीं किया। इसके पीछे कई कारण थे, जैसे कि वेंडर्स में रुचि कम थी।

ऋण की मात्रा और अवधि

प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत, स्ट्रीट वेंडर्स को मदद मिलती है। वे तीन चरणों में पैसा प्राप्त करते हैं। ऋण की राशि और अवधि निम्नानुसार है:

ऋण राशि

  • पहली किश्त में: अधिकतम 10,000 रुपये तक
  • दूसरी किश्त में: अधिकतम 20,000 रुपये तक
  • तीसरी किश्त में: अधिकतम 50,000 रुपये तक

अवधि और पुनर्भुगतान

ऋण 12 महीने के लिए दिया जाता है। इसे 12 मासिक किश्तों में वापस देना होगा। दूसरी और तीसरी किश्तों के लिए, अधिक समय दिया जाता है:

  • दूसरी किश्त (रु. 20,000) के लिए: अधिकतम 18 महीने में, पहले ऋण के पुनर्भुगतान के 6 महीने बाद
  • तीसरी किश्त (रु. 50,000) के लिए: अधिकतम 36 महीने में मासिक किश्तों में पुनर्भुगतान

यदि आप ऋण को समय पर या जल्दी वापस करेंगे, तो आप अगले ऋण के लिए पात्र होंगे।

ब्याज दरें और सब्सिडी

प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत ऋणों पर ब्याज दर आरएलएलआर + 1.45% + बीएसएस (0.50%) प्रति वर्ष है। इन ऋणों पर 7% की दर से ब्याज सब्सिडी भी दी जाती है। यह सब्सिडी मानक खातों (गैर-एनपीए) के लिए, अर्धवार्षिक आधार पर है।

इस योजना के तहत, रेहड़ी-पटरी वाले लोग 7% की दर से ब्याज सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं। पुराने और नए पहले और दूसरे ऋणों और तीसरे ऋणों के लिए संशोधित गारंटी कवर भी है।

इस योजना से लाभार्थियों को वित्तीय सहायता मिलेगी। उनके व्यवसाय को भी बढ़ावा मिलेगा।

पहला और दूसरा ऋणतीसरा ऋण
पुराने और नए, दोनों के लिए संशोधित गारंटी कवर लागूसंशोधित गारंटी कवर लागू

डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए, बैंक और डिजिटल भुगतान एग्रीगेटर्स का उपयोग किया जाएगा। व्यापार को बढ़ावा देने के लिए, पहले 50 ईडीटी तक प्रति ईडीटी रु.1/- कैशबैक दिया जाएगा। सभी उधारकर्ताओं को बचत खाते से जुड़ा रूपे डेबिट कार्ड दिया जाना चाहिए।

डिजिटल भुगतान प्रोत्साहन

प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना वेंडरों को डिजिटल लेनदेन करने के लिए प्रोत्साहित करती है। वेंडरों को डिजिटल लेनदेन पर कैशबैक मिलता है। अब तक, 1,33,003 करोड़ रुपये के 113.2 करोड़ से अधिक डिजिटल लेनदेन हुए हैं।

लाभार्थियों को 58.2 करोड़ रुपये का कैशबैक मिला है।

कैशबैक लाभ

प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना वेंडरों को डिजिटल भुगतान के लिए कैशबैक देती है। यह उन्हें डिजिटल लेनदेन को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करता है। कुल 58.2 करोड़ रुपये का कैशबैक लाभ योजना के तहत लाभार्थियों को दिया गया है।

पैरामीटरविवरण
कुल डिजिटल लेन-देन1,33,003 करोड़ रुपये
कुल डिजिटल लेन-देन की संख्या113.2 करोड़ से अधिक
कुल कैशबैक लाभ58.2 करोड़ रुपये

योजना स्ट्रीट वेंडरों को डिजिटल भुगतान को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करती है। उन्हें आर्थिक लाभ भी मिलता है।

गारंटी कवरेज और शुल्क

प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत दिए जाने वाले ऋणों पर सीजीटीएमएसई के अंतर्गत गारंटी कवर उपलब्ध है। इस योजना के तहत, कोई प्रोसेसिंग शुल्क या गारंटी शुल्क नहीं लिया जाता है।

इस योजना के तहत दिए जाने वाले ऋणों पर सीजीटीएमएसई गारंटी कवर निम्नानुसार है:

  • पहला ऋण: 100% गारंटी कवर
  • दूसरा ऋण: 75% गारंटी कवर
  • तीसरा ऋण: 50% गारंटी कवर

इस प्रकार, कुल गारंटी कवर क्रमशः 31.875%, 8.25% और 6% है। साथ ही, इस योजना के तहत कोई गारंटी शुल्क नहीं लिया जाता है।

इस योजना के तहत दिए जाने वाले ऋणों पर कोई प्रोसेसिंग शुल्क या प्रीपेमेंट शुल्क नहीं लिया जाता है। इसके अलावा, कोई भी बीमा घटक भी इस योजना का हिस्सा नहीं है।

आवेदन प्रक्रिया और अपेक्षित दस्तावेज

प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत स्ट्रीट वेंडर्स ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। वे डूडा कार्यालय या जनसेवा केंद्र के माध्यम से कर सकते हैं।

आवेदन पत्र बैंक खाते के अनुसार संबंधित बैंक में जाता है। वहां से ऋण की प्रक्रिया शुरू होती है।

आवेदन के लिए आधार कार्ड और वोटर आईडी जरूरी हैं। अल्पसंख्यक/दिव्यांगता प्रमाण पत्र, व्यवसाय का प्रमाण और बैंक खाता विवरण भी आवश्यक हैं।

इन दस्तावेजों का उपयोग आवेदकों की पहचान और पात्रता का सत्यापन किया जाता है।

इस योजना के तहत आवेदन प्रक्रिया सरल है। स्ट्रीट वेंडर्स अधिक संख्या में लाभार्थी बन सकते हैं।

आवेदन में कोई फीस नहीं लगती है।

दस्तावेजउद्देश्य
आधार कार्डआवेदक की पहचान का प्रमाण
वोटर आईडीआवेदक की नागरिकता का प्रमाण
अल्पसंख्यक/दिव्यांगता प्रमाणआवेदक के वर्ग का प्रमाण
व्यवसाय का प्रमाणआवेदक के स्ट्रीट वेंडिंग व्यवसाय का प्रमाण
बैंक खाता विवरणऋण राशि का भुगतान प्राप्त करने के लिए

इस प्रकार, स्ट्रीट वेंडर्स प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। आवेदन प्रक्रिया सरल और सुगम है।

समीक्षा प्रक्रिया और नवीनतम अपडेट

प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना की समीक्षा केंद्र से की जाती है। ये योजना सफल होने के लिए नियमित मॉनिटरिंग होती है। सरकार ने योजना की अवधि दिसंबर 2024 तक बढ़ा दी है।

अब तक, 65.75 लाख ऋण वितरित किए गए हैं। 50 लाख से अधिक स्ट्रीट वेंडर्स लाभान्वित हुए हैं। सार्वजनिक बैंकों ने 8,600 करोड़ रुपये से अधिक के ऋण दिए हैं।

योजना के तहत, 1,33,003 करोड़ रुपये के 113.2 करोड़ से अधिक डिजिटल लेनदेन हुए हैं। लाभार्थियों को 58.2 करोड़ रुपये का कैशबैक मिला है।

प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना ने 50 लाख से अधिक स्ट्रीट वेंडर्स को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया है। यह योजना स्ट्रीट वेंडरों के परिवारों के लिए एक सुरक्षा जाल बनाई है। 51 लाख से अधिक स्वीकृतियाँ प्रदान की गई हैं।

लेकिन, कुछ चुनौतियां भी आई हैं। 6.67 लाख ऋण आवेदन वापस कर दिए गए हैं। कुछ लोगों में रुचि नहीं थी, दस्तावेजों में कमी थी।

केवल चार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ऋण वितरण किया गया। सरकार निरंतर इस योजना की निगरानी कर रही है।

योजना की सफलता और प्रभाव

प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना ने शहरी स्ट्रीट वेंडरों की मदद की है। उन्हें कार्यशील पूंजी ऋण और ब्याज सब्सिडी मिली।

इसने उनकी आय बढ़ाई है। उनका क्रेडिट स्कोर भी बेहतर हुआ है।

योजना की सफलता को कई आंकड़ों से देखा जा सकता है:

  • योजना ने अब तक 30 लाख स्ट्रीट वेंडरों को लाभान्वित किया है।
  • योजना के तहत अब तक करीब 70 लाख ऋण वितरित किए गए हैं, जिनकी कुल राशि 9,100 करोड़ रुपये से अधिक है।
  • लाभार्थियों में से 75% गैर-सामान्य वर्ग के हैं, जिनमें से 44% ओबीसी समुदाय से हैं।
  • लाभार्थियों में 22% अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के हैं, और 43% महिलाएं हैं।

इस योजना का मुख्य उद्देश्य स्ट्रीट वेंडरों की आजीविका को मजबूत करना है। योजना ने उन्हें कई सुविधाएं दीं।

“स्वनिधि योजना ने स्ट्रीट वेंडरों की आर्थिक स्थिति में काफी सुधार किया है। उन्हें ऋण, ब्याज सब्सिडी और डिजिटल भुगतान सुविधाएं मिली हैं, जिससे उनकी आय बढ़ी है और खपत में भी वृद्धि हुई है।”

सरकार ने इस योजना को और विस्तारित करने का फैसला किया है। अब 126 शहरों में इसे शुरू किया जाएगा।

समग्र रूप से देखा जाए तो प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना ने स्ट्रीट वेंडरों की आर्थिक स्थिति में काफी सुधार किया है।

निष्कर्ष

प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना शहरी स्ट्रीट वेंडरों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह उन्हें कार्यशील पूंजी ऋण, ब्याज सब्सिडी और डिजिटल लेनदेन के लिए मदद करता है।

इस योजना से वेंडरों की आय और जीवन में सुधार हुआ है। उनका आर्थिक समावेशन भी बढ़ गया है। ऋण और ब्याज सब्सिडी ने उनकी लिक्विडिटी और निवेश क्षमता को बढ़ाया है।

इस योजना ने शहरी स्ट्रीट वेंडरों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाए हैं। यह उन्हें स्वअवलंबी बनाने में मदद करती है। प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना शहरी विकास और आर्थिक समावेशन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

FAQs

प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना क्या है?

प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना एक केंद्रीय योजना है। यह 2020-21 से शुरू हुई है। इसका उद्देश्य शहरी विक्रेताओं को मदद करना है।

ये योजना 2 साल तक चलेगी। इसमें पात्र विक्रेताओं को 10,000 रुपये तक का ऋण दिया जाएगा।

प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के क्या उद्देश्य और लक्ष्य समूह हैं?

इस योजना का मुख्य उद्देश्य है शहरी विक्रेताओं को मदद करना। यह उन्हें कार्यशील पूंजी और डिजिटल लेनदेन के लिए प्रोत्साहित करती है।

यह योजना सभी शहरी विक्रेताओं के लिए है।

इस योजना के तहत पात्रता मानदंड और लाभार्थियों की पहचान कैसे होती है?

यह योजना शहरी विक्रेताओं के लिए है। पात्र लाभार्थियों की पहचान की जाती है।

यूएलबी या टीवीसी द्वारा पहचान की जाती है। इसमें वेंडिंग प्रमाणपत्र रखने वाले भी शामिल हैं।

इस योजना के तहत ऋण की मात्रा और अवधि क्या है?

पात्र विक्रेताओं को तीन चरणों में ऋण दिया जाता है। पहली किश्त में 10,000 रुपये तक, दूसरी में 20,000 रुपये तक, और तीसरी में 50,000 रुपये तक।

ऋण की अवधि और पुनर्भुगतान के बारे में जानकारी दी गई है।

इस योजना के तहत ब्याज दर और सब्सिडी क्या है?

ऋणों पर ब्याज दर आरएलएलआर + 1.45% + बीएसएस (0.50%) है। साथ ही, 7% की दर से ब्याज सब्सिडी भी दी जाती है।

ब्याज सब्सिडी का भुगतान मानक खातों के लिए किया जाता है।

इस योजना के तहत डिजिटल भुगतान के लिए क्या प्रोत्साहन दिया जाता है?

वेंडरों को डिजिटल लेनदेन के लिए प्रोत्साहन दिया जाता है। पहले ऋण के लिए 1,800 रुपये कैशबैक, दूसरे ऋण के लिए 5,000 रुपये कैशबैक, और तीसरे ऋण के लिए 12,000 रुपये कैशबैक।

योजना के तहत क्या गारंटी कवरेज और शुल्क शामिल हैं?

पहले और दूसरे ऋणों पर सीजीटीएमएसई के अंतर्गत गारंटी कवर उपलब्ध है। कोई प्रोसेसिंग शुल्क या गारंटी शुल्क नहीं लिया जाता है।

योजना के लिए आवेदन की प्रक्रिया और अपेक्षित दस्तावेज क्या हैं?

स्ट्रीट वेंडर्स ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन पत्र सीधे बैंक में पहुंच जाता है।

आवेदन के लिए आधार कार्ड, वोटर आईडी, अल्पसंख्यक/दिव्यांगता प्रमाण आदि दस्तावेज आवश्यक हैं।

प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना की समीक्षा और नवीनतम अपडेट क्या है?

योजना की समीक्षा और निगरानी केंद्रीय स्तर पर की जाती है। योजना की अवधि दिसंबर 2024 तक बढ़ा दी गई है।

सभी ऋणों पर क्रेडिट गारंटी और ब्याज सब्सिडी का भुगतान मार्च 2028 तक किया जाएगा।

प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना की सफलता और प्रभाव क्या रहा है?

यह योजना शहरी विक्रेताओं को आर्थिक सहायता दे रही है। यह उनकी आजीविका को मजबूत बनाती है।

वेंडरों को कार्यशील पूंजी ऋण, ब्याज सब्सिडी और डिजिटल लेनदेन के लिए कैशबैक मिलता है। इससे उनकी आय बढ़ी है।

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